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पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत की उम्मीदें बढ़ीं!
👉🏻पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत की उम्मीदें बनने लगी हैं. दरअसल कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की रुख बना हुआ है. बीते लगातार दो सत्रों से ब्रेंट में गिरावट बनी हुई है और 2 अगस्त के बाद से ब्रेंट 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे ही है. क्रूड में नरमी से तेल कंपनियों के घाटे में कमी आने का अनुमान है. जून तिमाही में ही तेल कंपनियों को पेट्रोल और डीजल कीमतें स्थिर रखने से काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. हालांकि अब तेल कंपनियों नुकसान कम होने की उम्मीद बन गई है जिससे संभावना है कि कंपनियां आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी राहत आगे बढ़ाएं।
कहां पहुंचा कच्चा तेल
👉🏻ब्रेंट क्रूड की कीमतें फिलहाल 95 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे हैं. पिछले सत्र में क्रूड की कीमतों में 3 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट रही थी. भारत आने वाली क्रूड बास्केट का अधिकांश हिस्सा ब्रेंट क्रूड का है. फरवरी में कच्चे तेल की कीमतों का बंद भाव 128 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा था. वहीं जून में कीमतें एक बार फिर 123 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंची थीं. हालांकि जून के बाद से कीमतों में उतार-चढ़ाव है लेकिन दिशा नीचे की तरफ ही है. फरवरी के अंत के बाद अगस्त में ब्रेंट 95 डॉलर के स्तर से नीचे आया फिलहाल अगस्त में अधिकांश समय कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे हैं. संभावना जताई जा रही है कि कीमतों में आगे और गिरावट देखने को मिल सकती है. अगर ऐसा होता है तो इसका फायदा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मिल सकता है।
क्यों आई कीमतों में गिरावट
👉🏻तेल कीमतों में आई गिरावट चीन की अर्थव्यवस्था के कमजोर आंकड़ों की वजह से देखने को मिले हैं.आंकड़ों के अनुसार अर्थव्यवस्था में जुलाई के दौरान अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिली है. चीन की इंडस्ट्री पर फिलहाल प्रॉपर्टी क्राइसिस और सरकार की जीरो कोविड नीति का असर है. चीन दुनिया का सबसे बड़ा क्रूड आयातक है. मंदी की आशंका से मांग पर असर पड़ सकता है जिससे कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।
स्त्रोत:- Agrostar,
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