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पूसा वैज्ञानिकों ने जारी की एडवाइजरी!
👉 किसानों के लिए पूसा वैज्ञानिकों ने जारी की एडवाइजरी, जानें किन बातों का रखें ध्यान:-
IARI दिल्ली के कृषि वैज्ञानिक ने गेहूं के किसानों के लिए जरूरी एडवाइजरी जारी कर दी है. ताकि वह अप्रैल के महीने में किस समय और कैसे गेहूं की कटाई करें. ताकि देश के किसानों को गेहूं की फसल से अच्छा लाभ प्राप्त हो सके.
देश के किसानों को इस समय यानी अप्रैल महीने के दौरान गेहूं की फसल के दौरान कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए.
👉जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि इन दिनों में गेहूं की कटाई का समय चल रहा है.
गेहूं की कटाई के दौरान इन बातों का रखें ध्यान गेहूं की कटाई का सही समय सुबह का सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. इसके अलावा किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना है कि अगर कटाई हाथ से की जाती है, तो फसल के बंडल को 3 से 4 दिन खेत में छोड़ देना चाहिए. ताकि सूखने के बाद उसमें नमी की मात्रा कम हो जाए. इसी के बाद गेहूं की सभी किस्मों की कटाई अप्रैल के अंत तक कर लेनी चाहिए.
👉जो बड़े किसान हैं वह तो गेहूं की कटाई बड़ी-बड़ी मशीनों के द्वारा सरलता से कर सकते हैं, लेकिन वही छोटे किसान जो मजदूरों के द्वारा दराती, हंसिया या फिर रीपर के माध्यम से गेहूं फसल की कटाई करते हैं, जिसमें सतह से 4-5 सेंटीमीटर ऊपर से कटाई की जाती है. इसके बाद किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना है कि जब वह फसल की कटाई करते हैं, तो उन्हें बीज से कट से आवाज आती है, तो समझ जाएं कि फसल कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार है.
यह भी ध्यान रहे कि फसल के दाने की नमी करीब 15 से 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर फसल कटाई के दौरान कहीं भी बीज की नमी अधिक लगती है, तो उसे खेत में ही छोड़कर करीब 4-5 दिन सूखने दें. सूखे के बाद किसान उसकी मड़ाई करें.
👉अगर किसान फसल की कटाई देर से करते हैं, तो इससे फसल की गुणवत्ता पर काफी बुरा असर देखने को मिलता है. साथ ही फसल पर चिड़िया और चूहे के द्वारा भी फसल को नुकसान पहुंचते हैं.
👉स्रोत:- AgroStar
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