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पूर्वांचल में बढ़ा मछली उत्पादन, किसानों का बढ़ा मुनाफा!
कृषि वार्ताTV9 Hindi
पूर्वांचल में बढ़ा मछली उत्पादन, किसानों का बढ़ा मुनाफा!
👉प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का असर दिखने लगा है. इसका ताजा उदाहरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और उसके आसपास के जिलों में देखा जा सकता है. जिले में मछली उत्पादन में बढ़ोतरी आई है. वाराणसी ही नहीं, इस योजना का असर पूरे पूर्वांचल में देखने को मिल रहा है. वर्ष 2019-20 में जहां मछली उत्पादन 30,526 टन था यह 2020-21 में 11 फीसद बढ़कर 34,874 टन हो गया। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आयात घटा:- 👉बनारस सहित पूरे पूर्वांचल में खपत को ध्यान में रखकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से मछलियों का आयात होता है. लेकिन अब इसमें काफी कमी आई है. आंध्र प्रदेश से पंगासियस मछली आयात सबसे ज्यादा होता था, उसमें अब कमी आई है. 2019-20 में पंगासियस का उत्पादन 960 टन था जो अब बढ़कर 4616 तक पहुंच गया है. बाजार में किसानों को अब अच्छी कीमत मिल रही है. किसानों का मुनाफा बढ़ गया है. वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर व चंदौली में कुल 4000 हजार हेक्टेयर में मछली पालन 1600 किसान कर कर हैं। रोहू, कतला सहित कई दूसरी प्रजाति की मछलियों का पालन:- 👉पूर्वांचल के जिलों में इस समय रोहू, कतला और मृगल प्रजाति की मछलियों का पालन सबसे ज्यादा हो रहा है. एक एकड़ फार्म में 20- 25 टन मछली का उत्पादन हो रहा है. पंगासियस में उत्पादन लागत ज्यादा होती है, क्योंकि यह केवल फार्मुलेटेड फ्लोटिंग फीड (सतह पर तैरने वाले कंपनी निर्मित) ही खाती हैं, जिसकी कीमत ज्यादा है, लेकिन इसका वजन बहुत जल्दी बढ़ता है बाजार में इसकी मांग भी अच्छी रहती है। क्या है प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना:- 👉प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य देश में मछली पालन को बढ़ाना है. इसके तहत मछली की उत्पादकता, गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, पोस्ट-हार्वेस्ट अवसरंचना और प्रबंधन, आधुनिकीकरण और वैल्यू चेन को मजबूत बनाना शामिल है. इस योजना के तहत मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई राज्य सरकारों के द्वारा आवेदन आमंत्रित किये जा रहे हैं। 👉प्रधानमंत्री मत्स्य योजना का लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश मछली विभाग की वेबसाइट (http://fymis.upsdc.gov.in/) पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस योजना का संचालन जिले में ऐसे विकासखंडों को चुना जाएगा, जहां पर पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो. चयनित विकासखंडों में कुल लक्ष्य का 70 प्रतिशत और बाकी 30 प्रतिशत बाकी बचे विकासखंडों में परियोजनाओं का संचालन किया जाएगा। स्रोत:- TV 9 Hindi, 👉 प्रिय किसान भाइयों दी गई उपयोगी जानकारी को लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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