AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
पान की उन्नत खेती से हर साल होगा मुनाफा!
नई खेती नया किसानkrishi jagran
पान की उन्नत खेती से हर साल होगा मुनाफा!
☘️भारत में प्रमुख कृषि कार्यो में पान की खेती का खास महत्व है. देश के कुछ क्षेत्रों में पान की खेती का उतना ही महत्व है जितना दूसरी फसलों का है. अलग-अलग हिस्सों में इसकी खेती विभिन्न तरीकों से की जाती है! पान की खेती के लिए क्या है उपुयक्त तापमान? ☘️पान की खेती के लिए उपयुक्त तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस है. वैसे तो इसे 20 डिग्री सेल्सियस पर भी उगाया जा सकता है. लेकिन इससे ज्यादा या कम तापमान पान की खेती के लिए नुकसानदायक होता है. पान के पत्ते को ठंड से बचाने के लिए नवंबर के अंतिम सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में छावनी करना जरूरी रहता है, क्योंकि छावनी करने से तापमान में गर्माहट पैदा होती है. ठंड से बचाने के लिए दूसरा तरीका यह है कि ठंड के दिनों में हल्की सिंचाई जरूर करें. हल्की सिंचाई करने से मिट्टी का तापमान बढ़ जाता है, और पान के पत्तों को ठंड में खराब होने से बचाया जा सकता है. इतना ही नहीं, पान की बेलों पर प्लेनोफिक्स का छिड़काव करके भी पान के पत्तों को गिरने से बचाया जा सकता है! पान की खेती के लिए खेत कैसे तैयार करें? ☘️पान की अच्छी बढ़वार के लिए ठंड और छायादार जगह उत्तम होती है. इसलिए बरेजा का निर्माण किया जाता है. बरेजा बनाने से पहले खेत की तैयारी की जाती है. पहली जुताई मई-जून माह में मिट्टी पलटने वाले हल से करें. कुछ दिनों के लिए मिट्टी को धूप लगने के लिए छोड़ दें, इससेमिट्टी में मौजूद हानिकारक कीड़े-मकोड़ें और खरपतवार नष्ट हो जाएंगे. अगस्त में अच्छी जुताई कर खेत को खुला छोड़ दें. बरेजा बनाने से पहले आखिरी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी कर लेना चाहिए. इसके बाद ही बरेजा का निर्माण करना चाहिए! पान की रोपाई कैसे करें? ☘️बेड पर दो कतारों में पान की बेल की रोपाई की जाती है. कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए. वहीं पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर रखना उचित रहता है. पान की रोपाई फरवरी के अंतिम सप्ताह से मार्च के मध्य और जून के तीसरे सप्ताह से अगस्त तक की जाती है. वहीं कुछ जगहों पर मई के महीने में पान की रोपाई की जाती है! पान की खेती के लिए खाद और उर्वरक! ☘️अच्छी उपज के लिए प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन 200 किलोग्राम, फास्फोरस 100 किलो ग्राम और पोटाश 100 किलोग्राम देना चाहिए. वहीं जैविक खाद 10 टन प्रति हेक्टेयर वर्मी कम्पोस्ट डालना चाहिए. अच्छी बढ़वार के लिए मस्टर्ड केक 5 टन प्रति हेक्टेयर की दर से डालें. सरसों की खली का छिड़काव करें. सालभर में डेढ़ से दो महीने के अंतराल से छह बार इसका छिड़काव करें! पान की उपज/पैदावार - ☘️अपको बता दें कि अगस्त महीने से नीचे के पानों की तुड़ाई करना शुरू करें, इसके 15 या 30 दिनों के अंतर से आवश्यकता अनुसार पान की तुड़ाई करते रहें. जनवरी-फरवरी में पान की अंतिम तुड़ाई की जाती है. ध्यान रहे कि पान को डंठल से ही तोड़ें. पत्तियों को आकार के अनुसार वर्गीकरण करें. इसके बाद डंठल को पान से पांच मिमी की दूरी से काट दें! ☘️प्रति हेक्टेयर 100 से 125 क्विंटल पान की उपज होती है. यानी औसतन 80 लाख पानों की पैदावार होती है. जबकि दूसरे और तीसरे वर्ष 80 से 120 क्विंटल की पैदावार होती है. यानी 60 लाख पत्तियों का उत्पादन होता है. बाजार में अच्छे भाव मिले इसके लिए जब पान मैच्योर हो जाए तभी बेचें. परिपक्व होने के समय पान के पत्ते पीले और सफेद हो जाते हैं. इस समय बाजार में भाव 180 से 200 रूपए ढोली मिलेंगे यानी एक पत्ते का 1 रूपया तक मिल जाता है! स्त्रोत:- कृषि जागरण 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!"
5
1