योजना और सब्सिडीAgroStar
पशुपालन के लिए सरकार देगी 50 % सब्सिडी!
🌱 ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गारों के सृजन के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने और पशुओं के संरक्षण के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने अब पशुपालन के लिए सब्सिडी के साथ ही पशुओं के बीमा के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को और अधिक बढ़ा दिया है।
🌱 पशुपालन के लिए सरकार देगी 50 प्रतिशत सब्सिडी
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के अंतर्गत घोड़ा गधा, खच्चर, ऊंट के लिए उद्यमिता की स्थापना के लिए व्यक्तियों, एफपीओ, एसएचजी, जेएलजी, एफसीओ और धारा 8 कंपनियों को 50 लाख तक की 50 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय लिया है। केन्द्र सरकार योजना में अब घोड़े, गधे और ऊँट के वीर्य स्टेशन और न्यूक्लियस प्रजनन फार्म की स्थापना के लिए 10 करोड़ देगी।
🌱 पशु बीमा के लिए अब देना होगा 15 फीसदी राशि
पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत अब सरकार ने किसानों के लिए प्रीमियम का लाभार्थी हिस्सा कम कर दिया है और यह मौजूदा लाभार्थी हिस्से 20 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत के मुकाबले 15 प्रतिशत कर दिया गया है। प्रीमियम की शेष राशि केंद्र और राज्य द्वारा सभी राज्यों के लिए 60:40, 90:10 के अनुपात में साझा की जाएगी। बीमा किए जाने वाले पशुओं की संख्या भी भेड़ और बकरी के लिए 5 मवेशी इकाई के बजाय 10 मवेशी इकाई तक बढ़ा दी गई है। इससे पशुपालकों को न्यूनतम राशि चुकाकर अपने बहुमूल्य पशुओं का बीमा कराने में सुविधा होगी।
🌱 चारा फसलों की खेती को भी दिया जाएगा बढ़ावा
सरकार ने देश में पशुओं के लिए चारा उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी बड़ा फ़ैसला लिया है। चारा खेती के क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए, राज्य सरकार को गैर-वन भूमि, बंजर भूमि/चरागाहों/गैर कृषि योग्य भूमि के साथ-साथ वन भूमि “गैर-वन बंजर भूमि/चरागाहों/गैर-कृषि योग्य भूमि” और “वन भूमि से चारा उत्पादन” के साथ-साथ निम्नीकृत वन भूमि में भी चारे की खेती के लिए सहायता दी जाएगी।
🌱 क्या है राष्ट्रीय पशुधन मिशन
राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना की शुरूआत 2014-15 में की गई थी। इस योजना के अनुसार, पशुधन पालकों और किसानों, विशेष रुप से छोटे धारकों के पोषण और जीवन स्तर में सुधार करने का काम किया जाता है। सरकार द्वारा इस योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आहार और चारे की मांग और उपलब्धता में अंतर को कम करना, स्वदेशी नस्लों का संरक्षण और उसमें सुधार करना, मांस, अंडा, बकरी का दूध, ऊन के उत्पादन में बढ़ोतरी करना शामिल है।
🌱स्त्रोत:- AgroStar
किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट 💬करके ज़रूर बताएं और लाइक 👍एवं शेयर करें धन्यवाद।