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पशुपालकों को दूध पर अनुदान दे रही सरकार!
समाचारTV9
पशुपालकों को दूध पर अनुदान दे रही सरकार!
🐄राजस्थान के सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों में दूध की सप्लाई करने वाले पशुपालकों को 2 रुपये प्रति लीटर की दर से अनुदान दे रही है. यह पैसा मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत दिया जा रहा है. प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने इस बात की जानकारी दी है. पशुधन को किसानों की जीवन रेखा बताते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं की पूरी जानकारी गांव-गांव तक पहुंचे, ताकि गरीब पशुपालक को लाभ मिल सकें. कटारिया सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में पशुपालक सम्मान योजना के तहत वर्चुअली आयोजित राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे! 🐄राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि, पशुपालन एवं डेयरी तीनों विभाग प्रयासरत हैं. कार्यक्रम में राज्य के 405 प्रगतिशील पशुपालकों को सम्मानित किया गया. पुरस्कार के रूप में कुल 51.50 लाख रुपए वितरित किए गए! कितनी-कितनी रकम सम्मान में मिली - 🐄राज्य स्तर पर सम्मानित होने वाले 2 पशुपालकों को 50-50 हजार रुपए, जिला स्तर पर सम्मानित होने वाली सात महिला पशुपालकों सहित 68 पशुपालकों को 25-25 हजार रुपए तथा पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित होने वाली 32 महिला पशुपालकों सहित 335 पशुपालकों को 10-10 हजार रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरुप प्रदान की गई! 🐄राज्य स्तर पर बीकानेर जिले के सुरेन्द्र कुमार एवं सीकर जिले के पशुपालक सुभाष चन्द को प्रशस्ति पत्र एवं 50-50 हजार रुपए की राशि देकर सम्मानित किया गया. जिला स्तर पर संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टर ने पशुपालकों को सम्मानित किया! अब किसानों-पशुपालकों के लिए होगा अलग बजट - 🐄कटारिया ने बताया कि अच्छा काम करने वाले पशुपालकों को सरकार प्रोत्साहित कर रही है. पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान योजना शुरू की गई है. अगले वित्तीय वर्ष से किसानों और पशुपालकों के लिए अलग से बजट प्रस्तुत किया जाएगा. राज्य सरकार प्रदेश में पशुधन विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बबाई (खेतड़ी) में 10 करोड़ 27 लाख रुपए की लागत से तैयार डेयरी संयंत्र का लोकार्पण भी किया! प्रगतिशील पशुपालकों को हर साल देंगे सम्मान - 🐄पशुपालन सचिव डॉ. आरुषी मलिक ने कहा कि किसानों की तरह पशुपालकों को भी उनके क्षेत्र में मान-सम्मान मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सम्मान समारोह आयोजित करने की बजट में घोषणा की थी. इस योजना के तहत पशुपालन के क्षेत्र में इनोवेशन कर पशुधन उत्पादन के नए आयाम स्थापित करने वाले प्रगतिशील पशुपालकों का चयन कर हर वर्ष सम्मान दिया जाएगा. जिससे प्रदेश के अन्य पशुपालक भी प्रेरित हों और पशुधन विकास में अहम भागीदारी निभा सकें! सम्पन्नता का प्रतीक है पशुपालन - 🐄इस अवसर पर पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि किसान का पशुधन उनकी सामाजिक एवं आर्थिक सम्पन्नता का प्रतीक है. जहां बारानी खेती है या सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं है, वहां पशुपालन ही किसानों का मुख्य व्यवसाय और आजीविका का प्रमुख साधन है. डोटासरा ने कहा कि किसान की आमदनी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं! स्त्रोत:- TV9 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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