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पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान (एआई) और इसके लाभ
पशुपालनगुजरात लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड (गांधीनगर)
पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान (एआई) और इसके लाभ
उच्च अनुवांशिक गुणों वाले नर जानवरों से, सिंथेटिक उपकरणों और वैज्ञानिकों पद्धति के माध्यम से वीर्य एकत्रित कर मादा जानवरों के जननांगों में वैज्ञानिक उपकरणों से गर्भाधान की प्रक्रिया को कृत्रिम गर्भाधान कहा जाता है। लाभ: • देश में पशुओं की संख्या अधिक है और प्रजनन के लिए अच्छी उत्पादन क्षमता वाले सांढ़ बहुत कम हैं, कृत्रिम गर्भाधान द्वारा सांढ़ का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं। • इससे गाय और भैंसों में आनुवांशिक बीमारियों की जांच की जा सकती है। • इसके लिए केवल स्वस्थ सांढ़ चुने जाते हैं और उनके नियमित रोग परीक्षण किए जाते हैं। प्रजनन संबंधी बीमारियों की संभावना नहीं रहती। • 5 से 8 पशु रखने वाले आर्थिक रूप से सांढ़ का पोषण नहीं कर सकते उन्हें मामूली लागत पर कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा मिलती है। • शुद्ध नस्ल के उच्च क्षमता वाले सांढ़ की उत्पादन क्षमता अधिक होती है, जिससे दूध उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
• एक वर्ष में एक सांढ़ द्वारा 100 से 120 जानवरों में प्रजनन संभव होता है। • जमे हुए शुक्राणु को कई वर्षों तक तरल नाइट्रोजन गैस में सुरक्षित रखा जा सकता है और सांढ़ की मृत्यु के बाद,लंबे समय तक वीर्य का उपयोग करके प्रजनन जारी रख सकते हैं। संदर्भ: गुजरात लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड (गांधीनगर) यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगे, तो फोटो के नीचे दिए पीले अंगूठे के निशान पर क्लिक करें और नीचे दिए विकल्पों के माध्यम से अपने सभी किसान मित्रों के साथ साझा करें।
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