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नींबू वर्गीय पौधों में लीफ माइनर का प्रबंधन!
गुरु ज्ञानएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
नींबू वर्गीय पौधों में लीफ माइनर का प्रबंधन!
• नींबू वर्गीय पौधों की नर्सरी में इस कीट का प्रकोप अधिक देखा है। • सुंडी हल्के पीले और हल्के हरे रंग की होती हैं। • पत्तियों की परतों के बीच सुंडी रहती है और सर्पाकार सुरंग बनाती हैं जो चमकदार सफेद दिखाई देती हैं। • यह कीट एक जीवाणु रोग साइट्रस कैंकर के फ़ैलाने में मदद करता है। • इस कीट से होने वाले नुकसान से पत्तियां भी मुड़ जाती हैं, जिसमें कभी-कभी कीट छिप जाते हैं। • नई शाखायें निकलते समय पेड़ों की कटाई छटाई न करें। इसे केवल सर्दियों में एक बार ही काटें। • जब नई शाखायें कठोर हो जाती हैं तो कीट का संक्रमण कम होता है। • बार-बार और अत्यधिक नाइट्रोजन वाले उर्वरक और अत्यधिक इस्तेमाल न करें। • ड्रिप सिंचाई वाले बागानों में इस कीट का प्रकोप कम होता है। • विशेष रूप से नर्सरी में संक्रमित पत्तियों को इकट्ठा करें और निकाल कर नष्ट करें। • इस कीट के नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ 5 फेरोमोन जाल स्थापित करें। • कीटों के प्रकोप की शुरुआती अवस्था में, नीम का तेल @ 50 मिली या नीम का बेस फॉर्मूलेशन @ 20 मिली (1% ईसी) से 40 मिली (0.15% ईसी) प्रति 10 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। • अधिक प्रकोप होने पर इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल @ 5 मिली या मिथाइल-ओ-डिमेटोन 25 ईसी @ 10 मिली प्रति 10 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस_x000D_ प्रिय किसान भाइयों दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक करें और अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!_x000D_
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