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निरंतर खेती के लिए फसल विविधता के साथ तकनीक पर ध्यान दे।
कृषि वार्ताएग्रोवन
निरंतर खेती के लिए फसल विविधता के साथ तकनीक पर ध्यान दे।
कृषि क्षेत्र को सक्षम करने और निरंतर खेती के लिए फसल विविधता के साथ तकनीक के उपयोग पर ध्यान देना चहिए। साथ ही, कृषि के विकास के लिए व्यापक दृष्टिकोण की अवश्यकता है, ऐसा उपराष्ट्रपति एम.एम.वेंकैया नायडू जी ने व्यक्त किया।
इससे पहले परभनी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई नांदेड़ 44 किस्मऔर अब डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय विकसित पीकेवी हाइब्रिड 2 किस्म कम पानी और हल्की मिट्टी में अच्छी उपज दे सकता है। यह सूचित किया जाता है कि यह किस्म चूषक कीट के साथ-साथ गुलाबी बोल वर्म कीट पर प्रतिरोधी है।श्री.नायडू ने आगे कहा कि, फसल की विविधता को बदलना, मूल्य वर्धित खाद्य प्रसंस्करण, अच्छी विपणन व्यवस्था,आहार में बदलती आदतों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जिसमें फसल विविधता के साथ फलोत्पादन, रेशम खेती, पोल्ट्री और दुग्ध आदि पूरक व्यवसाय करना अवशक्य हैं। कृषि विकास के लिए व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। किसानों के साथ काम करके तकनीक को बढ़ाना चाहिए। इससे फसल उत्पादकता में वृद्धि होगी। संदर्भ - एग्रोवन 18-नवंबर-17
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