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नवम्बर माह में ये खेती देगी ज्यादा मुनाफा!
कृषि वार्ताAgrostar India
नवम्बर माह में ये खेती देगी ज्यादा मुनाफा!
👉🏻किसान भाइयों की सुविधा के लिए हम हर माह, महीने के हिसाब से फसलों की जानकारी देंगे जिससे आप सही समय पर फसल की बुवाई कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकें। इसी क्रम में आज हम नवंबर माह में बोई जाने वाली फसलों के बारे में जानकारी देंगे। इसी के साथ उनकी अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों के बारे में भी बताएंगे। आशा करते हैं हमारे द्वारा दी जा रही ये जानकारी किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। तो आइए जानते हैं नवंबर माह में बोई जाने वाली फसलों के बारे में। फूलगोभी- 👉🏻फूलगोभी एक लोकप्रिय सब्जी है और क्रूसिफेरस परिवार से संबंधित है। इसकी अगेती किस्मों की रोपाई के लिए अच्छा समय जून-जुलाई का होता है। वहीं पिछेती किस्मों के लिए अगस्त से मध्य सितंबर और अक्टूबर से नवंबर का पहला सप्ताह रोपाई के लिए अच्छा रहता है। इसकी पूसा सनोबल, पूसा सनोबाल 1, पूसा सनोबाल के-1 , स्नोबाल 16, पंत शुभ्रा, अर्ली कुंवारी, पूसा दीवाली प्रसिद्ध किस्में हैं जिनकी बुवाई कर अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। पत्ता गोभी- 👉🏻पत्तागोभी की खेती उचित समय सितंबर से अक्टूबर का होता है लेकिन नवंबर में भी इसकी खेती की जा सकती है। आमतौर पर पत्ता गोभी फसल की अवधि 60-120 दिन होती है। औसत उत्पादन 200-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। इसकी अगेती किस्मों में प्राइड ऑफ इण्डिया, गोल्डन एकर क्रांति एवं मित्रा (संकर) आदि प्रमुख हैं, इनकी बुवाई का समय सितंबर माह हैं। इसकी मध्यम व पछेती किस्मों पूसा ड्रम हैड, लेट ड्रम हैड, कोपेनहेगेन मार्किट, सितम्बर अर्ली, मिडसीजन मार्किट, श्री गणेश गोल, क्विस्टो, हरी रानी गोल, सलेक्शन- 8, हाईब्रिड- 10 (संकर) आदि प्रमुख हैं, इनके बुवाई अक्टूबर व नवंबर में की जा सकती है। टमाटर- 👉🏻टमाटर की खेती करीब-करीब पूरे भारत में की जाती है। देश में उत्तरी मैदानों में शरद एवं बसंत ऋतु में इसकी दो फसलें ली जाती है। वहीं दक्षिणी भारत में टमाटर की तीन फसलें ली जाती है, जिनकी बुवाई जून - जुलाई, अक्टूबर - नवंबर और जनवरी - फरवरी में होती है। जबकि पंजाब में केवल बसंत से ग्रीष्म ऋतु मौसम की फसल ली जाती है। टमाटर की देशी किस्मों में पूसा शीतल, पूसा-120, पूसा रूबी, पूसा गौरव, अर्का विकास, अर्का सौरभ और सोनाली प्रमुख हैं। जबकि इसकी हाइब्रिड किस्मों पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा हाईब्रिड-4, रश्मि और अविनाश-2 प्रमुख रूप से उन्नत किस्में हैं। इसके अलावा इसकी अर्का रक्षक किस्म बंपर उत्पादन देने वाली किस्म मानी जाती है। चुकन्दर- 👉🏻ठंडे मौसम में चुकन्दर की फसल अच्छी उगती है। इसलिए इस फसल को उगाने का समय सबसे अच्छा सर्दियों का है। वैसे तो इसकी खेती पूरे बारहों महीने की जा सकती है, लेकिन सर्दी के मौसम में उगाई गई फसल में इसकी जड़े मजबूत होती हैं और इसमें शक्कर की मात्रा भी भरपूर होती है। इसकी उन्नत किस्मों में डेट्रॉइट डार्क रेड, मिश्र की कॉस्बी, किमसन गलोब, अर्ली वंडर आदि शामिल हैं। शलगम- 👉🏻शलगम को शरद ऋतु में उगाया जाता है। यह अधिक ठंड व पाले को सहन करने की क्षमता रखता है। इसलिए इसकी खेती सर्दियों में की जाती है। इसकी खेती के लिए इसकी उन्नत किस्मों में लाल-4 व सफेद-4 शीघ्र तैयार होने वाली है किस्में हैं। लाल किस्म को अधिकतर शरद ऋतु में लगाते हैं। इसकी जड़े गोल, लाल तथा मध्यम आकार की होती हैं जो 60 दिन में तैयार हो जाती है। सफेद-4 को बारिश में उगाया जाता है। यह भी शीघ्र तैयार होने वाली किस्म है। इसकी जड़ों का रंग बर्फ जैसा सफेद होता है। ये 50-55 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके अलावा इसकी अन्य उन्नत किस्मों में परपल-टोप, पूसा-स्वर्णिमा, पूसा-चन्द्रिमा, पूसा-कंचन, पूसा-स्वेती, स्नोवाल आदि शामिल हैं। मूली- 👉🏻मूली की खेती मैदानी और पहाड़ी दोनों इलाकों में की जाती है। मैदानी इलाकों में इसकी बुवाई सितंबर से जनवरी तक की जाती है। जबकि पहाड़ी इलाकों में इसे अगस्त तक बोया जाता है। मूली की प्रसिद्ध किस्मों में जापानी सफ़ेद, पूसा देशी, पूसा चेतकी, अर्का निशांत, जौनपुरी, बॉम्बे रेड, पूसा रेशमी, पंजाब अगेती, पंजाब सफ़ेद, आई.एच. आर1-1 एवं कल्याणपुर सफ़ेद है। शीतोषण प्रदेशों के लिए रैपिड रेड, ह्वाइट टिप्स, स्कारलेट ग्लोब तथा पूसा हिमानी किस्में अच्छी हैं। स्त्रोत:- ट्रेक्टर जंक्शन 👉🏻प्रिय किसान भाइयों दी गयी उपयोगी जानकारी को लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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