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धान में तना छेदक कीट से बचाव!
इस समय धान की फसल में तना छेदक कीट के लक्षण और उसके उपचार : -
👉लक्षण:-
धान की फसल में तना छेदक कीट तने को अंदर से खाता राहत है उसके बाद तना सूखा हुआ दिखाई देता है, उसके बाद फसल की पत्तियाँ पीला दिखाई देती है । फिर कुछ दिन बाद पौधा लाल हो जाएगा और उसके बाद पूरा सूख जाता है।
हैं। इसके चलते धान का उत्पादन काफी कम हो जाता है। इसके अंदर जो कीड़ा लगता है वह चावल के दाने जैसा बिल्कुल सफेद होता है।
👉कीट की पहचान :-
इसका मुंह काला या भूरा होता है। गर्म और आद्र भरे मौसम में इस कीट का प्रकोप अधिक होता है।
👉उपचार :-
●धान की रोपाई समय पर कर देनी चाहिए।
●रोपाई के बाद फिप्रोनिल 0.3% जीआर घटक युक्त एग्रोनिल-जीआर @ 5-8 किलो प्रति एकड़ किसी दाने दार खाद में मिला कर प्रयोग करें ।
● फसल में नाइट्रोजन युक्त खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। फसल में यूरिया खाद की जगह पर अमोनियम सल्फेट का इस्तेमाल कर सकते है ।
● इस मौसम में धान की रोपाई से पहले पौधे के ऊपरी भाग को काट कर रोपाई करे।
● इस कीट के प्रौढ़ पतंग को आकर्षित करने के लिए गंध पाश ट्रैप का इस्तेमाल कीजिये। और अगर संभव हो तो प्रकाश ट्रैप भी लगा सकते है।
●रोपाई के बाद, फसल की अवस्था के अनुसार अमेज-एक्स @ 100 ग्राम या रैपीजेन @ 60-80 मिली, प्रति एकड़ का छिड़काव करें।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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