गुरु ज्ञानAgroStar
धान में करें पत्ती लपेटक कीट का समय पर नियंत्रण🌾🐛
👉धान की फसल में पत्ती लपेटक कीट का प्रकोप बहुत हानिकारक होता है, जिससे फसल की उपज में भारी कमी आ सकती है।📉 👉यह कीट पत्तियों को लपेटकर उसमें अपना घर बना लेता है और पौधे का रस चूसता है।🌱🌀 इसका परिणाम यह होता है कि पौधे की विकास दर धीमी हो जाती है और वह कमजोर हो जाता है । 👉समय पर इस कीट का नियंत्रण नहीं करने पर फसल को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, जो किसानों की आय में भी कमी का कारण बनता है।💸🌾
👉पत्ती लपेटक कीट के नियंत्रण के लिए सही दवा और विधि का उपयोग करना बहुत आवश्यक है 🛠️। इसके नियंत्रण हेतु टॉल्फ़ेनपाइराड 15% + बिफेंथ्रिन 7.5% एस ई घटक युक्त ट्रेज़ा का छिड़काव एक प्रभावी उपाय है। 👉ट्रेज़ा @ 400 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करने से पत्ती लपेटक कीट पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।✔️🐞 यह दवा कीटों को मारकर पौधे की वृद्धि को पुनः तेज कर देती है और उपज में सुधार होता है।📈🌾
👉छिड़काव के समय ध्यान रखना चाहिए कि दवा पूरे पौधे पर समान रूप से लगे 🌿, ताकि सभी कीटों पर नियंत्रण किया जा सके। ✅ 👉इसके अलावा, फसल के अन्य सुरक्षा उपायों को भी अपनाना चाहिए, जैसे समय-समय पर फसल की निगरानी 🔍 और अच्छे गुणवत्ता वाले कीटनाशक का इस्तेमाल।🧴✨ 🌿स्त्रोत:- AgroStar
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