गुरु ज्ञानAgrostar
धान की फसल में इल्लीयों का नियंत्रण!
🐛 कृषि ज्ञान के इस खास पेशकश में हम जानेंगे """"'धान की फसल में आने वाले पत्ती लपेटक कीट का प्रबंधन कैसे करें""""""""?
🐛लक्षण:-
1️⃣धान में पत्ती लपेटक कीट फसल को बुरी तरह प्रभावित करता हैं।
2️⃣इस कीट का लार्वा पीले रंग का होता है।
3️⃣वयस्क कीट हरे रंग के होते हैं।
4️⃣ये कीट धान की पत्तियों पर समूह में अंडे देते हैं।
5️⃣अंडों में से 6-8 दिनों में सुंडियां बाहेर निकलने लगती हैं।
🐛 नुकसान:-
1️⃣कीट सबसे पहले पत्तियों के मुलायम हिस्सों को खाते हैं।
2️⃣अपनी लार से धागा बना कर पत्तियों को किनारे से मोड़ने लगते हैं।
3️⃣ये कीट पत्तियों का रस भी चूसते हैं, जिससे पत्तियां सफेद होने लगती हैं।
4️⃣यह कीट पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को प्रभावित करते हैं।
🐛नियंत्रण:-
1️⃣इसकी पहचान सही समय पर होना बहुत जरूरी है।
2️⃣पत्ती लपेटक कीट होने पर उपज में भारी कमी तो देखने को मिलती ही है
3️⃣शुरुवाती में प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी संघटनयुक्त एग्रोस्टार हेलिओक्स @ 2मिली प्रति लीटर इस्तेमाल करे.
4️⃣या फिर क्लोरपाइरीफॉस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी संघटनयुक्त एग्रोस्टार एरेक्स505 @ 2 मिली प्रति लीटर इस्तेमाल करे.
🐛स्त्रोत:- AgroStar
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