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धान की एस आर आई (श्री) पद्धति से कम बीज व खाद में पाएं ज्यादा पैदावार!
गुरु ज्ञानएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
धान की एस आर आई (श्री) पद्धति से कम बीज व खाद में पाएं ज्यादा पैदावार!
👉🏻System of Rice Intensification (SRI) यानी श्री पद्धति से धान की बुवाई किसानों को मोटा मुनाफा दिला सकती है। खरीफ मौसम 2021 में धान की खेती में श्री विधि का उपयोग अगर किसान करते हैं तो यह खाद, पानी, बीज और मजदूरी में लगने वाली लागत को भी कम करता है। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल होने की वजह से देश के हर राज्य में इसकी खेती की जाती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस धान बुवाई की आधुनिक तकनीक से किसान बंपर मुनाफा कमा सकते हैं। इसलिए आज हम आपको धान की खेती में एसआरआई तकनीक की पूरी जानकारी देने जा रहे हैं कि किस तरह आप इसके जरिये धान की नर्सरी तैयार कर उत्पादन ले सकते हैं। धान की खेती में बीज की मात्रा और बीजोपचार:- 👉🏻किसान एक एकड़ भूमि के लिए लगभग 2 किलोग्राम बीज ले सकते हैं। आपको बता दें कि इस विधि में किसी भी किस्म का बीज लिया जा सकता है। आधा एकड़ के लिए एक किलोग्राम बीज लिए जा सकते हैं। श्री विधि तकनीक से खेती के लिए बीज की मात्रा पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। पहले आधी बाल्टी में पानी लेकर उसमें एक मुर्गी का अंडा और नमक डालें। अब तक तक घोलें जबतक अंडा पानी की सतह के उपर न आ जाए। इसमें बीज मिला दें। आप देखेंगे कि ख़राब बीज ऊपर तैर रहे हैं। इन तैरते ख़राब बीज को हटा दें। डूबे अच्छे बीज को निकालकर उसे साफ पानी से धोएं। अब साफ बीज को सूखे जूट के बोरे में रखकर एक चम्मच बाविस्टीन पाउडर (फफूंदनाशक दवा) मिलाएं। अब बीज को गीले बोरे से ढककर एक दिन के लिए अंकुरण के लिए छोड़ दें। एक दिन बीतने के बाद अच्छे बीजों को नर्सरी डालने के लिए निकाल लें। धान की नर्सरी ऐसे तैयार करें:- 👉🏻पैडी कल्टीवेशन में भूमि से 4 इंच ऊंची नर्सरी तैयार की जाती है। चारों ओर नाली बनाकर नर्सरी में गोबर की खाद या केंचुआ खाद डाली जाती है जिससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाती है। इसके बाद नर्सरी की सिंचाई कर दें और धान के बीज का छिड़काव कर दें। धान की खेती के लिए खेत की तैयारी:- 👉🏻खेत की तैयारी परंपरागत तरीके से की जाती है। सबसे पहले भूमि को समतल बना लें। धान में पौधरोपण के 12 से 24 घंटे पहले खेत में 1 से 3 सेमी से ज्यादा पानी न रखें। साथ ही पौधा रोपण से पहले खेत में 10*10 इंच की दूरी पर निशान लगा लें। धान में पौधों की रोपाई:- पौधे की रोपाई के दौरान हाथ के अंगूठे और वर्तनी अंगुली का उपयोग करें। खेत में बनाए निशान की हर चौकड़ी पर एक पौधे की रोपाई करें। साथ ही नर्सरी से निकाले पौधों को मिट्टी समेत ही लगाएं। धान के बीज समेत पौधे को ज्यादा गहराई पर न रोपें। श्री विधि से धान की खेती में पैदावार:- इस विधि से किसान एक एकड़ में 20 से 25 क्विंटल तक की उपज ले सकता है। 👉🏻धान के ओरिजनल बीज की खरीदारी के लिए ulink://android.agrostar.in/productlist?sku_list=AGS-S-3029,AGS-S-3030,AGS-S-3050,AGS-S-4016,AGS-S-3052,AGS-S-3031,AGS-S-3040,AGS-S-3048,AGS-S-3041,AGS-S-3049,AGS-S-3044,AGS-S-3232,AGS-S-3240,AGS-S-3051&pageName=क्लिक करें! स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, 👉🏻प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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