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दूध उत्पादन बढ़ाने का आसान तरीका!
🐄 गर्मियों की शुरुआत होते ही गाय-भैंसों के बीमार होने की संभावनाएं भी बढ़ने लगेगी. जिसका सिधा असर दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके दुग्ध उत्पादन पर भी पड़ेगा. ऐसे में अगर पशु पालक चाहते हैं कि उन्हें मौसम बदलने के साथ दुधारू पशुओं से जुड़ी किसी समस्या का सामना ना करना पड़े. तो पशुपालक कुछ घरेलू चीजों से औषधि बनाकर गाय-भैंसों को खिला सकते हैं.
🐄 सर्दियां अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है. वहीं दूसरी तरफ अब गर्मियों की शुरुआत भी थोड़ी-थोड़ी होने लगी है. क्योंकि फरवरी का आधा महीना बीतने के साथ ही तापमान में तेज़ी से बढ़ोतरी होने लगा है. ऐसे में अब कुछ ही दिनों के बाद गर्मी अपना तेवर दिखाना शुरू कर देगी. जिस वजह से गाय-भैंसों के बीमार होने की संभावनाएं भी बढ़ने लगेगी. जिसका सिधा असर दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके दुग्ध उत्पादन पर भी पड़ेगा. जिसे पशुपालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
🐄 पशु पालक चाहते हैं कि उन्हें मौसम बदलने के साथ दुधारू पशुओं से जुड़ी किसी समस्या का सामना ना करना पड़े. तो ऐसी स्थिति से बचने और अपने दुधारू पशुओं का दुग्ध उत्पादन के औसत को पहले से और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए पशुपालक कुछ घरेलू चीजों से औषधि बना गाय-भैंसों को खिला सकते हैं.
🐄 घरेलू चीजों का करें इस्तेमाल
दुग्ध उत्पादन कम होने के चलते पशुपालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पशु पालक आपने दुधारू पशुओं के दूध को बढ़ाने के लिए गेहूं का दलिया, गुड़ शर्बत , मेथी, कच्चा नारियल, जीरा, अजवाइन का मिश्रण तैयार कर दूध निकालने के बाद अपने दुधारू पशु को लगातार 3 दिन तक खिलाना चाहिए. क्योंकि घरेलू चीजों को मिलाकर बनाई गई इस औषधि के सेवन करने के बाद आप देखेंगे कि आपके पशु के स्वास्थ्य में सुधार होने के साथ-साथ दूग्ध उत्पादन की क्षमता भी पहले से और भी ज्यादा बढ़ गई है.
🐄 सरसों और गेहूं से बने घरेलू औषधि का करें इस्तेमाल
दुधारू पशुओं का पहले से और भी ज्यादा दूध बढ़ाने के लिए पशु को चारा खिलाने और पानी पिलाने के बाद 7 से 8 दिनों तक 200 से 300 ग्राम सरसों के तेल में 250 ग्राम गेहूं का आटा मिलाकर शाम के समय खिलाएं. लेकिन ध्यान दें, पशु को ये खिलाने के बाद पानी ना पिलाएं. इससे आपको कुछ दिनों के बाद अपने पशु के दुग्ध उत्पादन में फर्क दिखना साफ शुरू हो जाएगा.
🐄 लोबिया घास
प्रोटीन और फाइबर से भरपूर लोबिया घास में कुछ औषधीय गुण पाए जाते है. जिस वजह से पशु विशेषज्ञ के अनुसार दुधारू पशुओं को लोबिया घास खिलाने से उनमें दूध देने की क्षमता बढ़ जाती है. क्योंकि लोबिया घास में मौजूद प्रोटीन और फाइबर पशुओं में दूध उत्पादन करने में सहायक होते हैं. इसके अलावा अन्य घासों के तुलना में लोबिया घास पशुओं के लिए ज्यादा पाचक भी होती है.
🐄स्त्रोत:- AgroStar
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