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दलहनी  फसलों में फली छेदक कीट का प्रबंधन
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दलहनी फसलों में फली छेदक कीट का प्रबंधन
किसान भाइयों दाल वाली फसलों जैसे उड़द, मूंग, चना और अरहर में फली छेदक की समस्या आम तौर पर देखी जाती है आज हम इस लेख के माध्यम से इस कीट के नियंत्रण व बचाव के बारे में जानेंगे। यह कीट मूंग , उड़द, अरहर और चना सहित बहुत सी फसलों का एक मुख्य हानिकारक कीट है। इस कीट की सूंडी मुलायम पत्तियों, कलियों, पुष्प तथा फलियों को खाती हैं। सूंडी का रंग पीले – हरे से गुलाबी, संतरी, भूरा तथा मटमैला – काला छोटी फलियों को पूर्णत: खा लेती है जबकि वयस्क सूंडी केवल बीजों को खाती हैं।इसके नियंत्रण के लिए हम ये विधियां अपना सकते हैं :- 1. गर्मियों में भूमि की गहरी जुताई तथा ट्राईकोडर्मा व राइजेबियम से उपचारित कर बीजों की बुवाई करनी चाहिए। 2. कीट भक्षी पक्षियों बैठने के लिए T आकार की खुंटीयाँ 8 से 10 प्रति एकड़  की दर से खेत में लगानी चाहिए। 3. नीम (2 प्रतिशत), नीम बीज कर्नेल 5 प्रतिशत @ 50 ग्रा./ली., एजाडिरैक्टिन 0.03 प्रतिशत 2.0 मि.ली. प्रति लीतर उपयोग करनी चाहिए। 4. रासायनिक  कीटनाशकों जैसे मोनोक्रोटोफ़ॉस 36 प्रतिशत एसएल 1.0 मिली० प्रति लीटर अथवा क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 प्रतिशत एससी 0.15 मिली० प्रति लीटर की दर से छिड़काव करना चाहिए।
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