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तिल की फसल में उर्वरक प्रबंधन!
आज का सुझावएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
तिल की फसल में उर्वरक प्रबंधन!
तिल की फसल में उर्वरक सिंचित अवस्था में 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फॉस्फोरस, 20 किलोग्राम पोटास प्रति हेक्टेयर की मात्रा में दें। एवं असिंचित 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 किलोग्राम फॉस्फोरस, 20 किलोग्राम पोटास प्रति हेक्टेयर की मात्रा में दें।_x000D_ फॉस्फोरस एवं पोटाश की पूरी मात्रा तथा नत्रजन की आधी मात्रा बोनी करते समय आधार रूप में दें। तथा शेष नत्रजन की मात्रा खड़ी फसल में बोनी के 30-35 दिन बाद निंदाई करने उपरान्त खेत में पर्याप्त नमी हाने पर दें।_x000D_ फॉस्फोरस तत्व को सिंगल सुपर फास्फेट के माध्यम से देने पर गंधक तत्व की पूर्ति (20 से 30 कि.ग्रा./हेक्टेयर) स्वमेव हो जाती है।_x000D_ सिंचाई एवं जल प्रबंधन- तिल की फसल खेत में जलभराव के प्रति संवेदनशील होती है। अतः खेत में उचित जल निकास की व्यवस्था सुनिश्चित करें। खरीफ मौसम में लम्बे समय तक सूखा पड़ने एवं वर्षा की स्थिति में सिंचाई के साधन होने पर सुरक्षात्मक सिंचाई आवश्य करें।_x000D_ फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिये सिंचाई हेतु क्रान्तिक अवस्थाओं तथा फूल आते समय एवं फल्लियों में दाना भरने के समय सिंचाई करे।
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