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तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन बजट में लाने की योजना
कृषि वार्ताआउटलुक एग्रीकल्चर
तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन बजट में लाने की योजना
नई दिल्ली। खाद्य तेलों पर आयात की निर्भरता कम करने के लिए केंद्र सरकार बजट में राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (एनएमईओ) लाने की योजना बना रही है, जिसका मकसद घरेलू स्तर पर तिलहनों का उत्पादन बढ़ाना है। देश में खाद्य तेलों की सालाना खपत करीब 250 लाख टन की होती है, जबकि उत्पादन लगभग 100 लाख टन का ही है। अत: सालाना करीब 150 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया जाता है।_x000D_ कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एनएमईओ का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है। मंजूरी मिलने के बाद इसे लांच किया जाएगा। आगामी वित्त वर्ष में इसे अमल में लाने की योजना है। किसानों को तिलहन की फसलें समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर बेचनी पड़ती हैं, साथ ही गेहूं और धान के मुकाबले तिलहनी फसलों का उत्पादन प्रति हेक्टेयर कम होता है। जिससे किसान तिलहन की खेती को प्राथमिकता नहीं देते।_x000D_ एनएमईओ से तिलहन का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा। इसके तहत तिलहन किसानों को फसलों के वाजिब दाम देने के साथ ही आयातित खाद्य तेलों के शुल्क में बढ़ोतरी करने के साथ ही अन्य उपाय भी शामिल हैं। तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अगले पांच साल में तिलहनों का बढ़ाकर करीब 480 लाख टन करने का लक्ष्य एनएमईओ में किया गया है। _x000D_ स्रोत – आउटलुक एग्रीकल्चर, 11 जनवरी 2020_x000D_ यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगे, तो फोटो के नीचे दिए पीले अंगूठे के निशान पर क्लिक करें और नीचे दिए विकल्पों के माध्यम से अपने सभी किसान मित्रों के साथ साझा करें।_x000D_
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