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तालाब बनाने पर मिलेगी 50% की सब्सिडी!
👉उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की बेहतरी के लिए खेत तालाब नाम से एक शानदार योजना चला रही है. इस योजना के तहत सरकार प्रदेश में सिंचाई व्यवस्था को सरल बनाना चाहती है. साथ ही सरकार का कहना है कि इस योजना से किसानों को साफी फायदा होगा. सिंचाई के साथ- साथ किसान तालाब में मछली पालन भी कर सकते हैं. साथ ही इस योजना से भूजल स्तर में सुधार भी होगा. ऐसे में उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए इस योजना का लाभ लेने के लिए अभी शानदार मौका है.इस योजना के तहत 22x20x3 मीटर साइज का तालाब निर्माण करवाया जाता है. जबकि, बड़े तालाब का साइज 35x30x3 मीटर होता है.
👉खेत तालाब योजना के तहत किसान अपने खेत के ही किसी हिस्से में छोटे से तालाब का निर्माण करवा सकते हैं. बरसात के मौसम में इस तालाब में बारिश का पानी इकठ्ठा हो जाता है, जिसे किसान मानसून के बाद सिंचाई के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें ट्यूबवेल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. साथ ही किसान चाहें तो इस तालाब में मछली पालन भी कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें सिंचाई के अलावा इनकम का अच्छा साधन भी मिल जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक।
👉दो हजार से ज्यादा तालाबों का निर्माण करवाया गया है:-
खेत तालाब योजना की खासियत है कि इसके तहत आप सरकार से 50 फीसदी तक सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं. इसका मतलब यह हुआ है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इसके लिए 50 प्रतिशत का अनुदान दे रही है. दरअसल, एक छोटे से तालाब का निर्माण करवाने में करीब एक लाख रुपए का खर्च आता है. अगर आप इस योजना के तहत तालाब का निर्माण करवाते हैं तो आपको केवल 50 हजार रुपए ही अपने जेब से खर्च करने पड़ेंगे. बाकी के रुपये सरकार की ओर से सब्सिडी में माफ हो जाएंगे. कहा जा रहा है कि यूपी में अभी तक इस योजना के तहत दो हजार से ज्यादा तालाबों का निर्माण करवाया गया है.
👉आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं:-
अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो घर बैठे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय आपको जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाते का डिटेल्स, मोबाइल नंबर और खेत के दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी. साथ ही इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना भी अनिवार्य है. इसके अलावा जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और लघु सीमांत कैटेगरी में आते हैं, सिर्फ वे किसान ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.
👉स्त्रोत:-Agrostar
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