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तरबूज की खेती के लिए खेत की तैयारी, किस्में व बीज दर!
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
तरबूज की खेती के लिए खेत की तैयारी, किस्में व बीज दर!
👉🏻तरबूज की खेती:- तरबूज जायद मौसम की प्रमुख फसल हैं। इसकी खेती मैदानों से लेकर नदियों के पेटे में सफलतापूर्वक की जा सकती हैं। ये कम समय, कम खाद और कम पानी में उगाई जा सकने वाली फसलें हैं। उगने में सरल, बाजार तक ले जाने में आसानी और अच्छे बाजार भाव से इसकी लोकप्रियता बढाती जा रही हैं इसके कच्चे फलो का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता हैं। 👉🏻भूमि व जलवायु:- तरबूजे के लिए अधिक तापमान वाली जलवायु सबसे अच्छी होती है । गर्म जलवायु अधिक होने से वृद्धि अच्छी होती है। अधिक तापमान से फलों की वृद्धि अधिक होती है । बीजों के अंकुरण के लिये 22-25 डी०से०ग्रेड तापमान सर्वोत्तम है तथा सन्तोषजनक अंकुरण होता है । नमी वाली जलवायु में पत्तियों में बीमारी आने लगती है। 👉🏻खेत की तैयारी:- तरबूजे के लिए रेतीली तथा रेतीली दोमट भूमि सबसे अच्छी होती है । भूमि में गोबर की खाद को अच्छी तरह मिलाना चाहिए । अधिक रेत होने पर ऊपरी सतह को हटाकर नीचे की मिट्‌टी में खाद मिलाना चाहिए । इस प्रकार से भूमि का पी. एच. मान 5.5-7.0 के बीच होना चाहिए । 👉🏻भूमि की तैयारी की आवश्यकता अनुसार जुताई कराकर खेत को ठीक प्रकार से तैयार कर लेना चाहिए तथा साथ-साथ छोटी-छोटी क्यारियां बना लेनी उचित रहती हैं । भारी मिट्‌टी को ढेले रहित कर बोना चाहिए । रेतीली भूमि के लिये अधिक जुताइयों की आवश्यकता नहीं पड़ती । इस प्रकार से 3-4 जुताई पर्याप्त होती हैं । 👉🏻संकर प्रजातियां:- शुगर क्वीन, आस्था, मधुबाला, कैंडी, सागर किंग, F1 मैक्स आदि। 👉🏻बुवाई का समय:- तरबूजे की बुवाई का समय नवम्बर से मार्च तक है । नवम्बर-दिसम्बर की बुवाई करके पौधों को पाले से बचाना चाहिए तथा अधिकतर बुवाई जनवरी-मार्च के शुरू तक की जाती है । पहाड़ी क्षेत्रों में मार्च-अप्रैल के महीनों में बोया जाता है। 👉🏻दूरी:- तरबूजे की बुवाई के समय दूरी भी निश्चित होनी चाहिए । जाति व भूमि उर्वरा शक्ति के आधार पर दूरी रखते हैं । लम्बी जाति बढ़ने वाली के लिए 3 मी. कतारों की दूरी रखते हैं तथा थामरों की आपस की दूरी 1 मीटर रखते हैं । एक थामरे में 3-4 बीज लगाने चाहिए तथा बीज की गहराई 4-5 सेमी. से अधिक नहीं रखनी चाहिए । कम फैलने वाली जातियों की दूरी 1.5 मी. कतारों की तथा थामरों की दूरी 90 सेमी. रखनी चाहिए । बगीचों के लिये कम क्षेत्र होने पर कम दूरी रखने की सिफारिश की जाती है। 👉🏻बीज की मात्रा एवं बोने का ढंग व दूरी:- बीज की मात्रा बुवाई के समय, जाति तथा बीज के आकार व दूरी पर निर्भर करती है । नवम्बर-दिसम्बर में बोई जाने वाली फसल में बीज अधिक, फरवरी-मार्च में बोई जाने वाली फसल में बीज कम लगते हैं । इसलिए औसतन बीज की मात्रा 3-4 किलो प्रति हेक्टेयर आवश्यकता पड़ती है । बीजों को अधिकतर हाथों द्वारा लगाना प्रचलित है । इससे अधिक बीज बेकार नहीं होता है तथा थामरों में हाथ से छेद करके बीज बो दिया जाता है । स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, प्रिय किसान भाइयों दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक👍करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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