कृषि वार्ताAgrostar
ठंड से करें फसलों का बचाव!
👉देश में अब मौसम बदल गया है और ठंड पड़ने लगी है. ऐसे में इस मौसम का असर किसानों की खेती-बाड़ी पर भी पड़ेगा. इसलिए हम किसान भाईयों को इस मौसम में अपनी फसलों की रक्षा कैसे करनी है ये बताने जा रहे हैं.
👉मौसम की मार ना सिर्फ आम जनता पर पड़ता है बल्कि इसकी मार किसानों की फसलों पर भी उतनी ही पड़ती है. कभी-कभी तो ये मौसम पूरी की पूरी फसलें बर्बाद कर देता है. जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. मौसम विभाग केंद्र लखनऊ द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अभी के मौसम को देखते हुए जारी की गई है. इसमें बताया गया है कि किसानों को अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए मौजूदा मौसम में क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
👉जिला:-फतेहपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, चित्रकूट, कौशांबी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज के किसानों के लिए जरूरी सलाह:-
👉रबी फसल:-
गेहूं:-उच्च अंकुरण और स्टैंड स्थापना के लिए उचित मिट्टी की नमी पर वर्षा सिंचित फसल की लाइन बुवाई करें.
गन्ना:-गन्ने के बीज उपचार के लिए कार्बेन्डाजिम फफूदनाषक दवा से उपचारित कर के बुआई करें।
👉सब्जियां:-
गोभी, टमाटर, फूलगोभी, चना और मटर की बुवाई करें. हरे चारे के रूप में तोरिया, ज्वार, मक्का, बाजरा और ग्वार की बुवाई शुरू करें. आलू की अगेती किस्मों की बुवाई के लिए खाद और बीज की व्यवस्था करें.
👉फल:-
केले में पौधों से 50 सेंटीमीटर की दूरी पर 55 ग्राम यूरिया/पौधा लगाएं. आम, अमरूद, नींबू, अंगूर, बेर और पपीते के बाग में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.
👉जिला :-जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा और हमीरपुर के किसानों के लिए अहम जानकारी:-
👉रबी की फसल:-
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे रबी फसल जैसे चना, खेत मटर सरसों आदि की बुवाई शुरू कर दें.
मूंग और उड़द की फसल की परिपक्व फलियों को चुनें और खेत में लगा दें.
👉सब्जियां:-
खेत की तैयारी तथा अगेती सब्जी मटर की बुवाई अक्टूबर के प्रथम या द्वितीय सप्ताह में कर लेनी चाहिए. सब्जी मटर की बुवाई के लिए साथी खेत तैयार करें.
👉फल:-
आम, अमरूद, लीची, आंवला, नींबू, जामुन, बेर, केला और पपीता आदि बागों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.
👉बचाव :-
किसान मित्रों अपनी फसल में समय समय पर ध्यान पूर्वक सिचाई की उच्तम ब्यवस्था करे और खाद के साथ फसल में सल्फर का प्रयोग करे सल्फर के प्रयोग से ठंड में फसलों की रोग प्रतिरोधक छमता में बृद्धि होगी,और फसल सुरछित रहेगी।
👉पशुपालकों के लिए जरूरी सलाह:-
गाय-मवेशियों को सूखा रखना चाहिए, दुधारू पशुओं को संतुलित आहार देना चाहिए. खुरपका और मुंहपका रोग के नियंत्रण के लिए गाय में डी-वॉर्मिंग कराएं.
👉स्त्रोत:-Agrostar
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