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ठंड में पशुओं की देखभाल
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ठंड में पशुओं की देखभाल
ठंड के मौसम में जानवरों के नाक और आंख से पानी आना, भूख न लगना, कंपकंपी आदि लक्षण दिखाई देते हैं। इससे बचने के लिए शाम के समय जानवरों को किसी झोपड़ीनुमा (कैटल शेड) जगह में बांधे ताकि उन्हें ठंड न लगे। • पशुओं को बांधने वाली जगह (कैटल शेड) में सूखा चारा उपलब्ध करायें। • यदि अत्यधिक ठंड है तो कैटल शेड में आग जलाएं लेकिन यह भी ध्यान रखें शेड से धुआं ठीक से निकल जाए। • ठंडे वातावरण में, जानवरों को अपने शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा की कमी के कारण ठंड के मौसम में जानवर का शरीर कांपता है। • ठंड के समय पशुओं के भोजन में ऊर्जा का स्रोत बढ़ाएं जिससे दुधारू गाय और भैंसों को ठंड से बचाया जा सकता है। इस तरह के वातावरण में पशुओं की प्रजनन क्षमता 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती है, इससे शरीर के लिए आवश्यक अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त होना जरूरी है।
• जुगाली (रुमेन) की प्रक्रिया से पशु अधिक ऊर्जा पैदा करते हैं और खुद को ठंड से बचाने की कोशिश करते हैं। • ठंड के मौसम में पशुओं को ऊर्जा जल्दी नहीं मिलती इसलिए इनके खाद्य में कोई भी समायोजन धीरे-धीरे करें। • ठंड के समय पशुओं को अतिरिक्त उर्जा के लिए मक्का एक किलो, बाईपास फैट 100 ग्राम पशु खाद्य के साथ खिलाएं। • गर्भधारण किए हुए गाय और भैंस के लिए उचित और आरामदायक बैठने के स्थान की व्यवस्था करें ध्यान रखें वहां का वातावरण शुष्क हो। • जानवरों को पीने के लिए ताजा और साफ पानी पीने दें। • बछड़े की देखभाल और उसके शेड की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। ताकि वह बीमार न पड़ें। डॉ. पराग घोगले, _x000D_ पशु आहार विशेषज्ञ_x000D_ 9892099969
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