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टमाटर की फसल में झुलसा रोग के लक्षण व बचाव!
एग्री डॉक्टर सलाहएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
टमाटर की फसल में झुलसा रोग के लक्षण व बचाव!
👉🏻 टमाटर की फसल भारत की महत्तवपूर्ण व्यापारिक फसल है। यह फसल दुनिया भर में आलू के बाद दूसरे नंबर की सब से महत्तवपूर्ण फसल है। इसे फल की तरह कच्चा और पकाकर भी खाया जा सकता है। टमाटर की फसल में झुलसा रोग के लक्षण:- 👉🏻यह टमाटर की खेती में आम पाई जाने वाली प्रमुख बीमारी है।शुरू में पत्तों पर छोटे भूरे धब्बे होते हैं। बाद में ये धब्बे तने और फल के ऊपर भी दिखाई देते हैं। पूरी तरह विकसित धब्बे गहरे भूरे हो जाते हैं जिनके बीच में गोल सुराख होते हैं। ज्यादा हमला होने पर इसके पत्ते झड़ जाते हैं। टमाटर की फसल में झुलसा रोग के बचाव:- 👉🏻यदि इसका हमला देखा जाये तो मैनकोज़ेब 400 ग्राम या टैबूकोनाज़ोल 200 मि.ली.प्रति 200 लीटर की स्प्रे करें। 👉🏻पहली स्प्रे से 7-8 दिनों के बाद दोबारा स्प्रे करें। बादल वाले मौसम में इसके फैलने का ज्यादा खतरा होता है। 👉🏻इसे रोकने के लिए रोज्तम(एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% ) 1ml/ लीटर पानी मे घोल बना कर स्प्रे करें। 👉🏻अचानक होने वाली वर्षा भी इस बीमारी के बढ़ने में मदद करती है, 👉🏻इसे रोकने के लिए कॉपर वाले फफूंदनाशी 450 ग्राम और स्ट्रैपटोसाइकलिन 6 ग्राम प्रति150 से 200 लीटर पानी मे घोल बना कर स्प्रे करें। स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, 👉🏻 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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