जैविक खेतीएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
जैविक खेती में पंचगव्य का इस्तेमाल
• पंचगव्य फसलों की वृद्धि और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
• पंचगव्य में कई पोषक तत्व होते हैं जैसे- नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश।
• पौधों की वृद्धि और विकास के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व भी आवश्यक हैं। पंचगव्य में लाभकारी सूक्ष्मजीव जैसे कि अमीनो एसिड, विटामिन, ऑक्सीजन, जिब्रेलिन जैसे विकास नियंत्रक, स्यूडोमोनास, अझैटोबैक्टर और फॉस्फोर बैक्टीरिया आदि शामिल हैं।
घटक - मात्रा
• गोबर - 5 किलो
• गोमूत्र - 3 लीटर
• गाय का दूध - 2 लीटर
• दही - 2 लीटर
• गाय का घी - 1 लीटर
• गन्ने का रस - 3 लीटर
• नारियल का पानी - 3 लीटर
• केला - 1 दर्जन
पंचगव्य तैयार करने की विधियां:
पहले गाय का गोबर, घी और गोमुत्र अच्छी तरह मिलाएं।
इसे 3 दिनों के लिए एक मटके में संग्रहीत करके रखें और फिर इसमें शेष सामग्री को मिलाएं।
इस पूरे घोल को छाया में रखें और शाम के समय अच्छे से मिलाएं।
यह पंचगव्य 10 दिन में तैयार हो जाएगा। आप इसे एक महीने तक इस्तेमाल कर सकते हैं।