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जानिए, फ़सलों और मिट्टी के लिए गोबर खाद के फायदे!
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
जानिए, फ़सलों और मिट्टी के लिए गोबर खाद के फायदे!
संतुलित पोषक तत्व उपलब्ध करना-पौधों को अधिक से अधिक एवं संतुलित मात्रा में सभी आवश्यक तत्वों की उपलब्धि कराना। भौतिक दशा में सुधार- खाद मिट्टी की भौतिक दशा में सुधार करके भूमि में पोषक तत्वों की उपलब्धि बढ़ाकर उसकी शक्ति में वृद्धि करती है। खाद के नियमित उपयोग से मिट्टी के कणों की संरचना में परिवर्तन होता है और भौतिक गुणों में महत्वपूर्ण परिवर्तन होता है। ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है। सफेद जड़ों की अच्छी वृद्धि पौधे में जीवन देने वाले पोषक तत्वों के निर्माण और परिवहन में मदद करती है। अधिकांश किसान खेत में आसानी से खाद मिलाकर आराम से सो जाते हैं। लेकिन खाद के अलावा, अन्य स्रोतों के पोषक तत्वों का भी उपयोग करना पड़ता है। उर्वरक मिट्टी के स्वास्थ्य के पूरक के रूप में कार्य करता है। गोबर की खाद का भूमि पर लाभ दायक प्रभाव मिट्टी में भौतिक सुधार:- मिट्टी में वायु संचार बढ़ता है। मिट्टी में जलधारण व् जल सोखने की क्षमता बढ़ती है। मिट्टी में टाप का स्तर सुधरता है। पौधों की जड़ों का विकास अच्छा होता है। मिट्टी के कण एक-दुसरे से चिपकते हैं। मिट्टी का कटाव कम होता है। भारी चिकनी मिट्टी तथा हल्की रेतीली मिट्टी की संरचना का सुधार होता है। मिट्टी के रासायनिक गुणों का प्रभाव:- पौधों को पोषक तत्व अधिक मात्रा में मिलते हैं। मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ती है। मिट्टी की क्षार विनिमय क्षमता बढ़ जाती है। मिट्टी में पाये जाने वाले अनुपलब्ध पोषण तत्व, उपलब्ध पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ती है। पोटेशियम व फास्फोरस सुपाच्य सरल यौगिकों में आ जाते हैं। पौधों की कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैगनीज व सूक्ष्म तत्वों की उपलब्धता बढ़ती है। कार्बनिक पदार्थ के विच्छेदन से कार्बनडाई ऑक्साइड मिलती है। अनेक घुलनशील कार्बोनेट व बाईकार्बोनेट बनाती है। मिट्टी के जैविक गुणों पर प्रभाव:- मिट्टी में लाभदायक जीवाणुओं की संख्या बढ़ती है। लाभदायक जीवाणुओं की क्रियाशीलता भी बढ़ती है। अनेक जीवाणु मिट्टी से पोषक तत्व लेकर पौधों को प्रदान करते हैं। जीवाणुओं द्वारा वातावरण की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण अधिक होता है। जीवाणु द्वारा वातावरण की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण अधिक होता है। जीवाणु जटिल नाइट्रोजन को अमोनिया नाईट्रेट आयन्स में बदलते है। नाइट्रोजन का यही रूप पौधों द्वारा ग्रहण किया जाता है।
स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस किसान भाइयों यहां दी गई जानकारी यदि आपको उपयोगी लगी, तो इसे लाइक करें और अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें।
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