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जानिए पीएम सूक्ष्म खाद्य उद्योग योजना की पूरी जानकारी!
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जानिए पीएम सूक्ष्म खाद्य उद्योग योजना की पूरी जानकारी!
👉🏻पीएम एफएमई योजना से 35,000 करोड़ रुपये का कुल निवेश होगा और 9 लाख कुशल और अर्ध कुशल रोजगार का सृजन होगा : हरसिमरत कौर बादल 👉🏻इस योजना से सूचना, प्रशिक्षण, बेहतर प्रदर्शन और औपचारिकता तक पहुंच के माध्‍यम से 8 लाख इकाइयों को लाभ होगा 👉🏻श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने “पीएम फॉरमलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइसेस (पीएम एफएमई) योजना” की शुरुआत की 👉🏻खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने 29 जून 2020 को “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के एक भाग के रूप में पीएम फॉरमलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएम एफएमई) योजना की शुरुआत की। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि योजना से कुल 35,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 9 लाख कुशल और अर्ध-कुशल रोजगार सृजित होंगे और सूचना, प्रशिक्षण, बेहतर प्रदर्शन और औपचारिकता तक पहुंच के माध्यम से 8 लाख इकाइयों को लाभ होगा। इस अवसर पर योजना के दिशा-निर्देश जारी किए गए। 👉🏻स्थानीय खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गांवों में ग्रामीण उद्यमियों द्वारा निर्मित खाद्य उत्पादों में स्थानीय आबादी को भारतीय खाद्य उत्पादों की आपूर्ति करने की लंबी परम्‍परा रही है। माननीय प्रधानमंत्री ने 12 मई 2020 को राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में इन स्थानीय इकाइयों के महत्व और उनकी भूमिका पर जोर दिया। 👉🏻टीओपी (टमाटर-प्याज-आलू) फसलों से लेकर खराब होने वाले फलों और सब्जियों (टीओपी से कुल) तक ​​ऑपरेशन ग्रीन्स का विस्तार:- एमओएफपीआई द्वारा कार्यान्वित की जा रही ऑपरेशन ग्रीन्स योजना का टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) फसलों से लेकर अन्य अधिसूचित बागवानी फसलों तक विस्‍तार कर दिया गया है ताकि उत्पादन क्षेत्र से प्रमुख उपभोग केन्‍द्रों तक उनके परिवहन और अधिशेष उत्‍पादन क्षेत्र से भंडारण के लिए सब्सिडी प्रदान करनेकी जा सके। हस्तक्षेप का उद्देश्य फल और सब्जियों के उत्पादकों को लॉकडाउन के कारण कम बिक्री से बचाना और फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना है। 👉🏻पात्र फसलें:- फल- आम, केला, अमरूद, कीवी, लीची, पपीता, खट्टे फल, अनानास, अनार, कटहल; सब्जियां: - फ्रेंच बीन्स, करेला, बैंगन, शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, मिर्च (हरा), भिंडी, प्याज, आलू और टमाटर। कृषि या राज्य सरकार की सिफारिश के आधार पर भविष्य में किसी अन्य फल / सब्जी को जोड़ा जा सकता है। 👉🏻योग्य कम्‍पनियां: - फूड प्रोसेसर, एफपीओ /एफपीसी, सहकारी समितियाँ, व्यक्तिगत किसान, लाइसेंस प्राप्त कमीशन एजेंट, निर्यातक, राज्य विपणन /सहकारी संघ, खुदरा विक्रेता आदि जो फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण / विपणन में लगे हुए हैं। 👉🏻सहायता का तरीका: - मंत्रालय लागत मानदंडों के अधीन निम्नलिखित दो घटकों की लागत का 50% @ सब्सिडी प्रदान करेगा : 👉🏻अधिशेष उत्पादन समूह से खपत केंद्र तक पात्र फसलों का परिवहन; और / या 👉🏻पात्र फसलों के लिए उचित भंडारण सुविधाएं भाड़े पर लेना (अधिकतम 3 माह की अवधि के लिए); 👉🏻सब्सिडी के लिए दावे का प्रस्तुतीकरण - योग्य कम्‍पनियां, जो उपर्युक्‍त आवश्यक मानदंडों का पालन करती हैं, एमओएफपीआई से पूर्व अनुमति के बिना अधिसूचित अधिशेष उत्पादन क्लस्टर से अधिसूचित फसलों के परिवहन और / या भंडारण का कार्य कर सकती हैं और उसके बाद ऑनलाइन पोर्टल https://www.sampada-mofpi.gov.in/Login.aspx. पर अपना दावा प्रस्‍तुत कर सकती हैं। आवेदक को फलों और सब्जियों का परिवहन / भंडारण करने से पहले पोर्टल पर पंजीकरण करना चाहिए। 👉🏻एससी / एसटी खाद्य प्रसंस्‍करण के लिए मुफ्त ऑनलाइन कौशल कार्यक्रम श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने बताया कि एमओएफपीआई, ई-शिक्षा प्रदान करने के लिए, एनआईएफटीईएम और एफआईसीएसआई के साथ मिलकर, एससी और एसटी उद्यमियों के लिए मुफ्त ऑन-लाइन कौशल कक्षाएं शुरू करने की योजना बना रहा है। एमओएफपीआई ने बेकिंग, जैम, अचार बनाना आदि जैसे 41 पाठ्यक्रमों और नौकरियों की पहचान की है, जिसके लिए डिजिटल सामग्री तक पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी। स्रोत- pib.gov.in, प्रिय किसान भाइयों यदि आपको दी गयी जानकारी उपयोगी लगी तो इसे लाइक👍करें और अपने अन्य किसान मित्रों के साथ जरूर शेयर करें धन्यवाद।
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