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जानिए, जीरे की फसल में सल्फर का महत्व!
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
जानिए, जीरे की फसल में सल्फर का महत्व!
सल्फर एक ऐसा तत्व है जिसके प्रयोग से अनाज के दाने प्रौढ़ हो जाते हैं तथा उनकी चमक बढ़ जाती है। जिस फसल में सल्फर का प्रयोग होता है उनमें सड़न नहीं होती है। जीरे की फसल के लिए गंधक आवश्यक क्यों है? गंधक जीरे की फसल में प्रोटीन के प्रतिशत को बढ़ाने में सहायक होती है साथ ही साथ गंधक पर्णहरित लवक के निर्माण में योगदान देता है जिसके कारण पत्तिया हरी रहती है तथा पौधों के लिए भोजन का निर्माण हो पाता है। फसल में गंधक के प्रयोग करने से तेल की मात्रा बढ़ जाती है। गंधक के प्रयोग करने से इन फसलों के पौधों की जड़ो में अधिक गाठे बनाने में सहायक होती है जिसे पौधों की जड़ो में उपस्थित राइज़ोबियम नामक जीवाणु वायुमंडल से अधिक से अधिक नाइट्रोजन लेकर फसलों को उपलब्ध करने में सहायक होते है। जीरे की फसल में गंधक की कमी के लक्षण : गंधक की कमी होने पर नई पत्तिया पिली पड़ने लगती है। यद्यपि पत्तियों का पीलापन नाइट्रोजन की कमी से भी होता है पर नाइट्रोजन देने से भी पतियों का पीलापन नहीं रुके तो किसान को समझ लेना चाहिए की यह पीलापन गंधक की कमी से है। गंधक युक्त उर्वरक : किसान को बाजार में उपलब्ध ऐसे उर्वरको को काम में लेना चाहिए जो नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम उर्वरक फसल में देने के साथ ही साथ फसल को गंधक भी देने में सक्षम हों। अमोनियम सल्फेट और अमोनियम सल्फेट नाइट्रेट उर्वरको से नाइट्रोजन के साथ साथ गंधक भी फसल को मिल जाता है। सिंगल सुपर फॉस्फेट में फॉस्फोरस के साथ गंधक भी पाया जाता है। इसी प्रकार म्यूरेट ऑफ़ पोटाश और पोटैशियम सल्फेट के द्वारा पोटाश के साथ गंधक भी फसल को मिल जाता है। अमोनियम फॉस्फेट सल्फेट में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस के साथ साथ गंधक भी फसल को मिल जाता है। किसान कैल्शियम सल्फेट जिसको ज़िप्सम के नाम से भी जाना जाता है भूमि में देने से फसल को कैल्शियम के साथ साथ गंधक भी पौधो को मिल जाता है। किसान गंधक का प्रयोग कब और कैसे करे: गंधक युक्त उर्वरको का प्रयोग किसान बुआई के पूर्व अंतिम जुताई के समय ही कर देना चाहिए। किसानों को मृदा प्रयोगशाला द्वारा जारी किए जा रहे मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार ही गंधक की मात्रा एक बार में ही मिट्टी में मिला देना चाहिए, परन्तु कुछ फसलों में सिफारिश की गई मात्रा एक साथ न देकर कुल गंधक के भाग को दो तीन बार में बाँट कर प्रयोग में लें। मूंगफली में गंधक को प्रयोग में लाते समय 75 प्रतिशत गंधक का प्रयोग बुआई के समय करने तथा शेष 25 प्रतिशत का प्रयोग फूल आते समय कर देने का सुझाव देते है। जीरे की फसल में गंधक की आवश्यकता:- जीरे की फसल के लिए गंधक की 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से आवश्यकता होती है। स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, 👉🏻 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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