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जानवरों पर प्लास्टिक अपशिष्ट का प्रभाव
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जानवरों पर प्लास्टिक अपशिष्ट का प्रभाव
प्लास्टिक खाने से पशु चारे और पानी का सेवन कम कर देते हैं और दूध कम देने लगते हैं। ऐसे दुष्प्रभावों को रोकने के लिए, जानवरों को स्वस्थ और संतुलित आहार लेना चाहिए।_x000D_ परिणाम:_x000D_ • प्लास्टिक आसानी से निगल लिया जाता है। यह गैर-सुपाच्य और हानिकारक है और खाने के बाद पेट में एक जगह ही रहता है। _x000D_ • यदि एक जानवर कम मात्रा में प्लास्टिक खाता है तो इसका प्रभाव नहीं होता लेकिन अत्यधिक मात्रा में प्लास्टिक खाने से उनके स्वास्थ्य पर खतरनाक प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे अपच, यकृत के कार्य में व्यवधान और अन्य।_x000D_ • प्लास्टिक खाने के बाद यह जानवरों के पेट में इक्ट्ठा होता रहता है जिससे उन्हें अपच होता है।_x000D_ • पेट में प्लास्टिक की बड़ी मात्रा जठर ग्रंथी को नुकसान पहुंचाती है और पाचन को कम करती है।_x000D_ • पेट में प्लास्टिक की अधिकतम मात्रा जानवरों में जुगाली प्रक्रिया को बंद कर देती है ।_x000D_ • प्लास्टिक खाने की वजह से जानवरों का पीएच स्तर प्रभावित होता है और पेट में दर्द होता है। जानवरों की मानसिकता में भी बदलाव आता है।
प्लास्टिक खाने के संकेत: • पशु चारे का सेवन नहीं करते हैं और पानी का सेवन कम करते हैं • दूध उत्पादन में कमी • तीन मिनट से कम समय में गैस्ट्रिक गतिविधि • गोबर की कमी • बार-बार पेट में सूजन होना • रक्त परीक्षण कोई रक्त प्रभाव नहीं दिखाता • शारीरिक तापमान, हृदय गति और सांस की गति एक समान नहीं रहती। उपचार - किसी जानवर के पेट से प्लास्टिक निकालने का एकमात्र तरीका सर्जरी है। निवारक उपाय - मवेशियों के आवास और आसपास के क्षेत्र को प्लास्टिक से मुक्त रखें। प्लास्टिक के उपयोग को नियंत्रित करें और उचित तरीके से इसका निपटान करें। स्रोत - एग्रोवन, 27 दिसंबर, 2018
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