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चीनी से 6 गुना ज्यादा मीठी हैं इस पौधे की पत्तियां, एक बार फसल लगाने पर 5 साल मिलेगी पैदावार!
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चीनी से 6 गुना ज्यादा मीठी हैं इस पौधे की पत्तियां, एक बार फसल लगाने पर 5 साल मिलेगी पैदावार!
🌱भारत में अब किसान औषधीय पौधों की व्यावसायिक खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इसी तरह का एक पौधा है स्टीविया। इसकी खेती से किसानों को काफी कमाई हो रही है। हालांकि अभी यह पौधा आम किसानों तक नहीं पहुंच पाया है। इसकी खेती से हो रहे लाभ और स्टीविया के गुणों को देखते हुए धीरे-धीरे किसान इसकी खेती करने लगे हैं। 👉औषधीय पौध विशेषज्ञ सौरभ शर्मा बताते हैं कि स्टीविया एक बहुवर्षीय औषधीय फसल है। इसके साथ अच्छी बात यह है कि प्रत्येक कटाई के बाद उपज में बढ़ोतरी होती जाती है। पहले वर्षा में औसतन 2 से 2.5 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है। बाद के वर्षों में उत्पादन बढ़कर 4 से 5 टन प्रति हेक्टेयर तक पहुंच जाता है। 120 रुपए किलो बिक रहीं स्टीविया की पत्तियां:- 👉रोपण के तीसरे या चौथे वर्ष में सबसे अधिक पत्तियों का उत्पादन होता है। सौरभ शर्मा बताते हैं कि स्टीविया की सूखी पत्तियों का प्रति वर्ष उत्पादन एक हेक्टेयर में 3.5 टन तक है। फिलहाल बाजार में स्टीविया के पत्तियों का रेट 100 से 120 रुपए प्रति किलो है। 👉स्टीविया की खेती कर रहे किसानों को सलाह दी जाती है कि रोपण के तुरंत बाद सिंचाई कर दें। इसके बाद पौधों की स्थापना तक तीन से पांच दिन के अंतराल के बाद सिंचाई जरूरी है। इसके बाद मॉनसून की शुरुआत तक सप्ताह में एक बार सिंचाई कर सकते हैं। गर्मी के मौसम में मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए बार-बार सिंचाई की जरूरत पड़ती है। सौरभ शर्मा कहते हैं कि किसान भाई ड्रिप सिंचाई तकनीक का इस्तेमाल कर पानी, समय, धन और ऊर्जा को बचा सकते हैं। 👉स्टीविया की खेती किसी ऐसे खेत में करें, जहां जल निकासी की सुविधा उपलब्ध हो. दरअसल, ज्यादा नमी होने से पौधों पर असर पड़ता है. 2018 से स्टीविया की खेती कर रहे किसान डॉ महावीर सिंह रोहिल्ला कहते हैं कि रेतीली मिट्टी पर इसकी खेती करनी चाहिए और बुवाई से पहले खेत की साफ-सफाई बहुत जरूरी है। रेतीली दोमट मिट्टी के अलावा किसान भाई लाल मिट्टी में भी इसकी खेती कर सकते हैं। एक बार बुवाई और पांच साल तक पाइए पैदावार:- 👉उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले रोहिल्ला कहते हैं कि किसानों को इसकी खेती जरूर करनी चाहिए। स्टीविया की खेती में सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें खाद की जरूरत नहीं पड़ती और एक बार बुवाई करने के बाद पांच साल तक आपको पैदावार हासिल होती है। 👉अगर किसान भाई स्टीविया की खेती करने की योजना बना रहे हैं तो वे इसकी उन्नत किस्मों के बारे में जरूर जान लें। स्टीविया की उन्नत किस्में हैं… -एसआरबी- 123 -एसआरबी- 128 -एसआरबी- 512 👉स्टीविया की खेती के लिए 5 डिग्री से कम और 45 डिग्री से अधिक तापमान उपयुक्त नहीं होता है। मधुमेह के रोगी शक्कर की जगह स्टीविया की पत्तियों से काम चला सकते हैं। ये शक्कर के मुकाबले 30 गुना ज्यादा मीठी होती है और सबसे खास बात है कि यह कैलोरी फ्री है। शुगर मरीजों को स्टीविया के पत्तों से बनी छोटी गोली दी जाती है। स्रोत:- TV9 Hindi, 👉 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। इस वीडियो में दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍🏻 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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