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चालान होने पर भी ट्रैक्टरों पर ओवरलोड का जुर्माना!
👉ई कर सैकड़ों ट्रैक्टरों को पास कराया जा रहा है। इसकी चर्चा इस धंधे से जुड़े लोगों के बीच इन दिनों खूब हो रही है। पुलिस की कार्रवाई से ट्रैक्टर चालक व मालिक परेशान हो गए हैं। सबसे बड़ी विडंबना यह है.
👉बालू के अवैध खेल में ओवरलोड के नाम पर दो-चार ट्रैक्टरों पर जुर्माना की कार्रवाई कर सैकड़ों ट्रैक्टरों को पास कराया जा रहा है। इसकी चर्चा इस धंधे से जुड़े लोगों के बीच इन दिनों खूब हो रही है। पुलिस की कार्रवाई से ट्रैक्टर चालक व मालिक परेशान हो गए हैं। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि यदि ट्रैक्टरों पर ओवरलोड बालू आ रहा है तो घाट संचालकों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है? वाहन चालकों की मानें तो मूल रूप से घाट संचालक ही दोषी हैं। यदि घाट से ओवरलोडेड बालू नहीं मिलेगा तो चालक कैसे ओवरलोड लेकर चलेंगे? चर्चाओं की मानें तो हाल के दिनों में एक भी बालू घाट संचालक पर कार्रवाई नहीं हुई है। अब तक वसूली के मामले में दर्जन भर पुलिस व पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई कैसे हुई? कई जेल भी भेजे गये। वावजूद पुलिस की मिलीभगत से अवैध बालू का खेल जारी है। प्रतिदिन अवैध रूप से एक थाना क्षेत्र में लाखों की वसूली की जा रही है। इसमें पुलिस और विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता की भी चर्चा हो रही है। जिले में ओवरलोड बालू के नाम पर अवैध वसूली की कई स्तर पर चर्चा है।
👉सबसे ज्यादा ट्रैक्टर चालक रोज पिस्ते हैं। इस धंधे में शामिल मूल धंधेबाज से लेकर असली गुनाहगार तक पुलिस और जिला प्रशासन की कार्रवाई की जद में नहीं आते हैं। चालान होने पर भी ट्रैक्टरों पर ओवरलोड का जुर्माना आम बात हो गई है। सोन का लाल बालू सोन घाट के थाना क्षेत्र की कमाई का मोटा जरिया बन गया है। बालू घाट संचालकों की ओर से लगातार नियमों की अनदेखी कर अवैध कमाई के फेरे में ओवरलोड बालू का उठाव कराया जाता है। जिले के कई थानों की पुलिस बालू लदे ट्रैक्टर वालों को रोक कर चालान होने पर भी ओवरलोड के नाम पर जुर्माना वसूली के लिए खनन व परिवहन को भेज देती है। अब तक एक भी घाट संचालक पर कार्रवाई नहीं हुई है। ट्रैक्टर वालों की मानें तो बालू घाट से चालान कटाने पर भी रास्ते में पुलिस का डर बना रहता है। पकड़े जाने पर जुर्माना भरने में महीनों की कमाई लग जाती है।
👉बालू घाटों पर नियमों का नहीं होता पालन, नहीं लगा धर्मकांटा
ट्रैक्टर चालकों और मालिकों का कहना है कि एक ट्रैक्टर बालू बिक्री करने पर पांच से आठ सौ रुपये की बचत होती है। सोन स्थित बालू घाटों पर नियमों का पालन नहीं हो रहा है। पूर्व में घाटों पर धर्मकांटा था। इस समय किसी भी घाट पर यह व्यवस्था लागू नहीं की गई। सभी गाड़ियों पर ट्रॉली के बराबर बालू दिया जाता तो किसी को दिक्कत नहीं होती। लेकिन घाट से ही कुछ ट्रैक्टरों पर बालू ओवरलोड कर दिया जाता है। घाटों पर नियमों की सख्ती से पालन होता तो सभी ट्रैक्टर मालिकों की परेशानी खत्म हो जाती।
👉पकड़े जाने के डर से बेधड़क चला रहे ट्रैक्टर:-
घाटों से बालू लोड करने के बाद चालकों को यह डर हमेशा बना रहता है कि रास्ते में कहीं पुलिस की नजर न पड़ जाए। इससे ओवरलोड के नाम पर नजराना से लेकर जुर्माना तक नहीं देना पड़ जाए। इस डर से ट्रैक्टर चालकों की ओर से तेज गति से ट्रैक्टर चलाया जाता है। इससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इससे कई लोगों की मौत हो चुकी है तो कितने हाथ - पैर गंवा कर अपाहिज हो चुके हैं। पुलिस का डर न रहे तो इसमें काफी कमी आ जाएगी।
स्रोत:-Agrostar
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