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गन्ना किसानों के लिए बडी खुशखबरी !
कृषि वार्ताAgrostar
गन्ना किसानों के लिए बडी खुशखबरी !
👉नमस्कार किसान भाइयों आज आज हम आप लोगों के लिए एक नयी खबर लेकर आया हूँ,जिसमे उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानो के लिए है ! 👉क्योंकि ये उत्पाद सेहत के लिए भी अच्छे माने जाते हैं। चीनी को छोड़ दें तो गन्ने का सबसे प्रमुख सह-उत्पाद गुड़ है। यह पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। प्रसंस्करण के जरिए इसे और पौष्टिक एवं पसंद के अनुरूप बनाया जा सकता है। होता है। 👉उत्तर प्रदेश सरकार का इरादा अगर परवान चढ़ता है तो शुगर बेल्ट रूरल एवं विलेज टूरिज्म की संभावनाओं को नई ऊंचाइयां दे सकता है। खासकर गन्ना उत्पादन में अग्रिम पश्चिमी यूपी और गन्ना को ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) घोषित किए गए जिलों के लिए शुगर टूरिज्म पर्यटन की संभावनाओं का नया गेटवे साबित हो सकता है। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों को अगले 100 दिनों के भीतर 8,000 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं और छह महीने के लिए 12,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देशानुसार विभाग अगले पांच वर्षों में गन्ने की उत्पादकता को वर्तमान 81.5 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 84 टन प्रति हेक्टेयर करने के लिए भी प्रयासरत है। 👉उत्तर प्रदेश सरकार का फोकस रूरल एंड विलेज टूरिजम पर है। ऐसे में शुगर टूरिज्म इस दिशा में नायाब पहल साबित हो सकती है। कुछ दिन पहले मंत्रिपरिषद के सामने कृषि उत्पादन से जुड़े सात विभागों की प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने इसका जिक्र भी किया था। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह शुगर टूरिज्म के लिए कार्ययोजना को तैयार करें। इसके लिए गन्ने से बनने वाले सह-उत्पादों को माध्यम बनाया जाए। गन्ना विकास संस्थान में शुगर म्यूजियम की स्थापना भी शुगर पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ा सकता है। 👉उल्लेखनीय है कि गन्ने से गुड़, सिरका, अलग-अलग फ्लेवर की चाकलेट, कैंडी, ताजा और अधिक समय तक चलने वाला जूस इत्यादि बनाए जा सकते हैं। मुजफ्फरनगर के किसान तो गन्ने के रस से 100 से अधिक तरह के उत्पाद बनाते हैं। इनमें से कुछ उत्पाद ऐसे हैं जिनकी देश-विदेश में इतनी मांग है कि वह आपूर्ति नहीं कर पाते। गन्ने के सह-उत्पादों के जरिए शुगर टूरिज्म की बहुत संभानाए हैं, क्योंकि ये उत्पाद सेहत के लिए भी अच्छे माने जाते हैं। चीनी को छोड़ दें तो गन्ने का सबसे प्रमुख सह-उत्पाद गुड़ है। यह पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। प्रसंस्करण के जरिए इसे और पौष्टिक एवं पसंद के अनुरूप बनाया जा सकता है। 👉गन्ना प्रदेश की प्रमुख नकदी फसलों में से एक है। प्रदेश के करीब 65 लाख किसान गन्ने की खेती से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपने पहले ही कार्यकाल से प्रयास रहा है कि गन्ने के जरिए किसानों के जीवन में मिठास घुले। इसके लिए सरकार ने 14 दिन के तय समय में भुगतान की पारदर्शी व्यवस्था कायम की। नई चीनी मिलें लगवाईं, कुछ मिलों का क्षमता विस्तार भी करवाया गया। योगी-2 में भी यह सिलसिला जारी रहेगा, जिसकी पूरी कार्ययोजना सरकार ने तैयार कर ली है। किसान गन्ने की पेराई के लिए सिर्फ मिलों के भरोसे न रहें, इसके लिए खांडसारी इकाइयों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। 👉अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल का कहना है कि पश्चिम यूपी का मुजफ्फरनगर अपने गुड़ उत्पाद के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा अयोध्या का ओडीओपी उत्पाद भी गुड़ है। शुगर टूरिज्म के लिए यहां पर संभावनाएं बहुत हैं। इसी कारण सरकार ने गुड़ महोत्सव का अयोजन करवाया था। आने वाले समय यहां पर बहुत सारी संभावनाएं हैं। स्रोत:-Agrostar 👉किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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