विशेष दिवस
Agrostar
खेत की दुर्घटनाओं के प्राथमिक उपचार: सुरक्षा दिवस विशेष!
👉🏻देशभर में आज का दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (नेशनल सेफ्टी डे) के रूप में मनाया जा रहा है. फिलहाल अब राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (नेशनल सेफ्टी डे) को नेशनल सेफ्टी सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा है. इस दिन और सप्ताह का मुख्य उद्देश्य देशभर में लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरुक करना और दुर्घटनाओं को रोकना है. इस दौरान देशभर में कई तरह के जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है | 4 मार्च 1972 के दिन नेशनल सेफ्टी काउंसिल की स्थापना की गई थी, जिस कारण इसी दिन को नेशनल सेफ्टी डे के रूप में मनाया जा रहा है।
👉🏻तो चलिए आज इस विशेष मौके पर हम किसान भाइयों को खेतों में काम करते हुए होने वाली कुछ दुर्घटनाओं के प्राथमिक उपचार के विषय में जान लेते हैं।
सांप के काटने पर:-
1. सर्पदंश होने पर कोशिश करें की जिस जगह पर काटा है, शरीर का वह हिस्सा बिल्कुल भी ना हिले।
2. शरीर का उंचवाला अंग हृदय की अपेक्षा नीचे के स्तर पर रखे इससे विष संचरण में आने से बचाव होगा।
3. जल्दी-से-जल्दी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में जाने से आपका इलाज हो सकेगा और यह पता चलेगा कि आपको जहर वाले सांप ने काटा है या नहीं।
बिच्छू के डंक मारने पर:-
1. बर्फ से सिकाई करें।
2. प्रभावित हिस्से (हिस्सों) को हिलाए डुलाएं नहीं।
3. डंक प्रभावित स्थान को हृदय के स्तर से नीचे बनायें रखें।
4. पीड़ित को आश्वस्त करें और उसे शान्त बनाए रखें।
5. प्रणालीगत एंटीबायोटिक्स दें।
6. यदि उपलब्ध हो तो विष-निरोधी दवा दें अथवा चिकित्सक से संपर्क करें।
मधुमक्खी के काटने पर:-
1. डंक को शरीर से बहार निकल कर काटे गए स्थान को एंटीसेप्टिक साबुन से धोकर साफ कर लें।
2. काटे हुए स्थान पर शहद लगा लें. यह दर्द में राहत देता है. साथ ही यह खुजली को कम करने में प्रभावी होता है।
3. एलोवेरा जैल को अपनी प्रभावित त्वचा पर लगा लें. इसमें मौजूद सूजन-रोधी और दर्द निवारक गुण जलन को कम करते हैं।
4. सिरके का इस्तेमाल भी मधुमक्खी के जहर के प्रभाव को कम करने के लिए कर सकते हैं ।
5. गंभीर स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
कीटनाशक का विषैला प्रभाव होने पर:-
1. यदि विष प्रारंभिक अवस्था में हो तो मरीज़ को उलटी करवाएं।
2. खाली पेट १-२ चम्मच नमक आधे गिलास पानी के साथ दें।
3. सभी खिड़की दरवाजे खोल दें और कपड़ों को भी ढीला कर दें
4. यदि साँस लेने में कठिनाई हो रही हो तो कृत्रिम तरीके से साँस दें।
5. मरीज को कम्बल से धक् दें ताकि उसे ठण्ड न लगे और आस-पास का वातावरण शांत बनाये रखें।
6. स्थिति गंभीर दिखाई देने पर चिकित्सक से संपर्क करें और अस्पताल ले जाएँ।
स्रोत:- Agrostar,
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