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खेतों की मिट्टी में सल्फर, जिंक व पोटाश की कमी, इन फसलों का घटा उत्पादन!
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
खेतों की मिट्टी में सल्फर, जिंक व पोटाश की कमी, इन फसलों का घटा उत्पादन!
👉रवी व खरीफ सीजन की फसलों की पैदावार में पिछड़ रहे कई जिले की कृषि भूमि को जल्द ही पाेषक तत्वों की पूर्ति नहीं हुई तो 2022 तक फसलों की पैदावार दोगुना करने का अभियान सफल नहीं हो पाएगा। इसका सीधा असर किसान की सालाना आय पर देखने को मिलेगा। 👉इसकी वजह है कि वर्ष 2018 के बाद से ही केंद्र सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को बंद कर दिया। किसान अपने खेतों की मिट्‌टी की जांच नहीं करा पा रहे। इससे उन्हें पता ही नहीं चल पा रहा कि उनके खेतों की मिट्‌टी में कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी बढ़ रही है। इसके लिए केन्द्र सरकार को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को उसके मूलस्वरूप में फिर से जिंदा करने की जरूरत होगी। 👉 किसान गेहूं, सरसों व बाजरा की फसल बहुतायत संख्या में करते हैं। इन सभी फसलों में यूरिया का उपयोग बहुतायत संख्या में होता है। किसानों के बीच यह भी धारणा है कि उर्वरक के अधिक उपयोग से उसका उत्पादन बढ़ेगा। लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि उर्वरक का अधिक उपयोग मिट्‌टी के पोषक तत्व तेजी से खत्म कर रहा है। दूसरी समस्या यह है कि किसानों के पास खेत की मिट्‌टी जांचने की सुविधा न होने से उन्हें पता ही नहीं चल पा रहा कि उनकी मिट्‌टी में कौन-कौन से पोषक तत्व कम हैं और उसकी कमी पूरी करने के लिए वे क्या करें। 👉इसके उपाय के लिए किसान सल्फर 90G का इस्तेमाल अपनी खेत की मिट्टी की उर्वरकता शक्ति बढ़ाने तथा मिट्टी की पोषक तत्वों को पूरा करने के लिए अपना सकते हैं ! स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, 👉प्रिय किसान भाइयों दी गई उपयोगी जानकारी को लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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