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खुशखबरी: इस महीने इन खादों का दाम नहीं बढ़ाएगी इफको, देखें क्या हैं दाम!
कृषि वार्ताtv9hindi
खुशखबरी: इस महीने इन खादों का दाम नहीं बढ़ाएगी इफको, देखें क्या हैं दाम!
किसानों के लिए बड़ी राहत:- 👉🏻डीजल की बढ़ती महंगाई के बीच किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है। दुनिया की सबसे बड़ी खाद उत्पादक सहकारी संस्था, इफको ने अपने डीएपी (DAP), एनपीके (NPK) और एनपीएस उर्वरकों के दाम (एमआरपी) में 31 मार्च 2021 तक कोई वृद्धि नहीं करने की घोषणा की है। इन्हें गैर-यूरिया उर्वरक कहते हैं। इफको ने यह दोहराया है कि पहले की तरह डीएपी की कीमत 1200 बोरी, एनपीके की 1175 और 1185 रुपये प्रति बोरी है। कृषि उत्पादन लागत कम रखने के लिए ऐसा किया गया है। 👉🏻पिछले रबी सीजन में भी, इफको ने उर्वरकों के लिए कोई कीमत नहीं बढ़ाई थी। इफको के एमडी यूएस अवस्थी ने ट्विटर पर यह जानकारी साझा की है। कंपनी ने पीएम नरेंद्र मोदी के 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के अभियान से इसे जोड़ा है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की लागत में भारी बढ़ोतरी हुई है। फिर भी किसानों को राहत देने के लिए ऐसा किया गया है। भारत में इफको के पांच प्लांट:- 👉🏻इफको के पास भारत में 5 उर्वरक संयंत्र हैं। उर्वरक क्षेत्र में इफको देश की सबसे बड़ी और प्रमुख संस्था है। इफको ने सामान्य बीमा, ग्रामीण दूरसंचार, ग्रामीण खुदरा, कृषि रसायन, खाद्य प्रसंस्करण और ऑर्गेनिक्स में निवेश करके अपने कारोबार में इजाफा किया है। पिछले 54 वर्षों में, इफको इस कारण से भारतीय किसानों को विश्व स्तर की भू-पोषक तत्व और कृषि-सेवाएं प्रदान करने वाली संस्था बनी हुई है। 👉🏻इफको भारत में उत्पादित फॉस्फेटिक के लगभग 32.1 फीसदी और नाइट्रोजन उर्वरकों में 21.3 फीसदी का योगदान देता है। इसने फॉर्चून 500 भारत कंपनियों की सूची 2020 में 57 वां स्थान प्राप्त किया है। बढ़ रही है यूरिया की खपत:- 👉🏻देश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरित क्रांति (1965-66) के बाद यूरिया का इस्तेमाल शुरू किया गया था। साल 1980 में देश में सिर्फ 60 लाख टन यूरिया की खपत थी। लेकिन इसकी मांग 2017 में बढ़ कर 3 करोड़ टन तक जा पहुंची। 2018-19 में 320.20 लाख टन की बिक्री हुई। जबकि 2019-20 में 336.97 लाख टन की खपत दर्ज की गई। पीएम मोदी ने किसानों से नीम कोटेड यूरिया के इस्‍तेमाल करने की सलाह दी है। क्योंकि सामान्य यूरिया के मुकाबले नीम कोटेड यूरिया से भूमिगत प्रदूषण कम होता है। स्रोत:- tv9hindi, 👉🏻प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक👍करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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