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खाद की कीमत से 1 रुपया भी ज्यादा लिया तो दर्ज होगा केस!
कृषि वार्ताTV9
खाद की कीमत से 1 रुपया भी ज्यादा लिया तो दर्ज होगा केस!
👨🏻‍🌾अब किसान यूरिया या अन्य खादों की कालाबाजारी का शिकार नहीं होंगे. डीलर खादों के दाम उतना ही लेंगे, जितना बोरी या बैग पर लिखा होगा. अगर एक रुपया भी ज्यादा लिया और इसकी शिकायत कृषि निदेशक तक पहुंची, तो फौरन डीलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा! 👉 यह नया आदेश बिहार सरकार का है. बिहार में कृषि निदेशक ने खाद से जुड़ी किसी भी शिकायत पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने पर जोर दिया है. यानी सरकार खादों की कीमतों की कालाबाजारी पर किसी भी शख्स को बख्शने नहीं जा रही! क्या होगा कृषि समन्वयक का काम- 👉 दरअसल, इस आदेश के अनुपालन की पूरी जवाबदेही कृषि समन्वयक पर ही है. ये समन्वयक हर पंचायत में रखे जाएंगे जो उस इलाके के किसानों से बात करेंगे और जानेंगे कि कोई डीलर या खुदरा दुकानदार खाद की अधिक कीमत तो नहीं वसूल रहा है. अगर गड़बड़ी पाई गई तो डीलर के साथ खाद कंपनियां भी कार्रवाई के घेरे में आएंगी. कंपनियां कई बार बहाना मारती हैं कि रेलवे रैक पॉइंट पर मजदूरी आदि का खर्च बढ़ने से खाद पर अतिरिक्त वसूली की मजबूरी बन गई है. अगर कोई डीलर या कंपनी इस तरह की बात कर खाद के ज्यादा पैसे लेती है, तो उस पर कार्रवाई होगी. उसे मुकदमा का सामना करना पड़ेगा! खाद कंपनियों को भी मिली जिम्मेदारी- 👉 इसी तरह खाद कंपनियों को भी कई तरह की जिम्मेदारी दी गई है. अगर रेल माला भाड़ा के नाम पर खाद की कीमत अधिक वसूली जाती है तो कंपनी के अधिकारी पर कार्रवाई होगी. इसके लिए सभी खाद कंपनियों के राज्य प्रबंधक को निर्देश दिया गया है कि वे अपने में से ही एक नोडल अधिकारी बनाएं जो खाद की कीमतों की निगरानी करेगा. अगर डीलर ग्राहक को खाद की बिक्री का रसीद नहीं देता है, स्टॉक की सही जानकारी और कीमतों के बारे में नहीं बताता है, बिना लाइसेंस के खाद की बिक्री करता है या यूरिया के लाइसेंस पर अन्य खादों को बेचता है, तो खाद कंपनी के अधिकारी पर कार्रवाई होगी. कृषि अधिकारियों का क्या काम- 👉 निचले स्तर पर अगर कृषि समन्यवक को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, तो उपरी स्तर पर कृषि विभाग ने कीमतों पर निगरानी रखने के लिए संयुक्त सचिव को जवाबदेह बनाया है. कृषि समन्वयकों के साथ जिला कृषि अधिकारी संपर्क में रहेंगे और जिला कृषि अधिकारी ही पंचायतों में नियुक्त कृषि समन्वयकों को निर्देश देंगे. कृषि समन्वयक अपने पंचायत में किसानों के साथ बैठक कर खादों की कीमतें पता करेंगे. अगर इसमें कोई अनियममितता मिलती है, तो इसकी शिकायत ऊपर पहुंचाएंगे. स्त्रोत:- TV9 👉 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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