कृषि वार्ताAgroStar
क्या बैंक किसानों की जमीन कर सकता है नीलाम?
👉भारत में, किसान ऋण नहीं चुका पाने की स्थिति में बैंक द्वारा उनकी जमीन की नीलामी एक गंभीर मुद्दा है। भारतीय कृषि की रीढ़ माने जाने वाले किसानों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ता है, और यह संकट तब और बढ़ जाता है जब वे अपने ऋण को चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं। बैंक और वित्तीय संस्थान कानूनी प्रावधानों के तहत किसानों की जमीन की नीलामी कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ नियम और प्रक्रियाएं निर्धारित की गई हैं।
कानूनी प्रावधान और प्रक्रिया:-
सुरक्षित ऋण वसूली अधिनियम (SARFAESI Act), 2002:-
इस अधिनियम के तहत, बैंकों को अधिकार है कि वे गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) को वसूल करने के लिए बंधक रखी संपत्ति की नीलामी कर सकते हैं।
इस प्रक्रिया में, बैंक पहले एक डिमांड नोटिस जारी करता है, जिसमें बकाया राशि का भुगतान करने के लिए 60 दिनों का समय दिया जाता है। अगर किसान इस समय सीमा के भीतर ऋण चुकाने में असमर्थ रहता है, तो बैंक संपत्ति को जब्त करने और नीलामी करने की कार्रवाई कर सकता है।
कृषि भूमि की नीलामी:-
अधिकांश राज्यों में कृषि भूमि की नीलामी के संबंध में विशेष कानून हैं, जो किसानों को कुछ सुरक्षा प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ राज्यों में कृषि भूमि को केवल कृषि कार्यों के लिए ही बेचा जा सकता है।
बैंक द्वारा नीलामी की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए और इसे सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से किया जाना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचा जा सके।
किसानों के अधिकार और बचाव के उपाय:-
ऋण पुनर्गठन:-
कई बार बैंक किसान की स्थिति को देखते हुए ऋण पुनर्गठन का विकल्प प्रदान करते हैं, जिसमें ऋण की पुनर्भुगतान अवधि बढ़ाई जा सकती है या ब्याज दरों में छूट दी जा सकती है।
ऋण माफी और सब्सिडी योजनाएं:-
विभिन्न राज्य और केंद्र सरकारें किसानों के लिए ऋण माफी और सब्सिडी योजनाएं चलाती हैं, जो किसानों को आर्थिक संकट से उबारने में सहायक होती हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और अन्य कृषि सब्सिडी योजनाएं भी किसानों की मदद करती हैं।
कानूनी सहायता:-
किसान किसी भी प्रकार की अनियमितता या जबरदस्ती की स्थिति में न्यायालय की शरण ले सकते हैं। इसके अलावा, कृषि विभाग और सहकारी संस्थाएं भी किसानों को सलाह और सहायता प्रदान करती हैं।
निष्कर्ष:-
बैंक द्वारा किसान की जमीन की नीलामी एक गंभीर प्रक्रिया है, जो किसान के जीवन और उसकी आजीविका पर गहरा असर डाल सकती है। हालांकि, भारतीय कानून और विभिन्न सरकारी योजनाएं किसानों को इस संकट से उबारने के लिए कई उपाय प्रदान करती हैं। किसानों को अपने अधिकारों और उपलब्ध उपायों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और समय-समय पर वित्तीय संस्थानों से परामर्श लेते रहना चाहिए। इस प्रकार, सही जानकारी और उचित कदम उठाकर किसान अपनी जमीन और भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं।
👉स्त्रोत:-AgroStar
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