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केले की फसल में होने वाले सम-सामयिक कार्य!
केला के एकसमान फल प्राप्त करने के लिए फसल प्रबंधन की आवश्यकता होती है। गर्मियों के दिनों में तापमान को ध्यान में रखकर पानी का उचित प्रबंधन करें। खरपतवारों का उचित प्रबंधन करें, खरपतवारों को निराई गुड़ाई कर निकालें। केले की बागानों में ड्रिप सिंचाई अधिक लाभ दायक होती है। इससे अनचाहे खरपतवार नहीं निकलते हैं। ड्रिप सिंचाई द्वारा पौधों को पर्याप्त पानी प्राप्त होता है, एवं पानी की कमी नहीं होती है। अधिक गर्मी होने पर तापमान में वृद्धि होती है इसके लिए अगर आप नालियों द्वारा पानी देते हैं तो 5 से 6 दिनों के अंतराल पर पानी लगाएं। मुख्य पौधों के पास जो भी नए पौधे निकलते हैं। उनमे से एक को छोड़कर बांकी के सभी पौधों को निकाल दें। इससे पौधों में केले का आकर अच्छा रहेगा। केला लगाते समय प्रति पौधे के हिसाब से खाद दिया जाता है, जैसे 25 किलोग्राम गोबर खाद, पोटास 100 ग्राम, 200 ग्राम प्रति माह यूरिया दिया जाता है। केला में गैर आते समय फल लगने बाद जंहा केला लगना बंद हो जाते है उसके बाद फूल वाले भाग को अलग कर दें इससे केले का अच्छा विकास होता है।
स्रोत:- अन्नदाता वीडियो में दी गई जानकारी यदि उपयोगी लगे तो लाइक करें और अपने सभी किसान मित्रों के साथ शेयर करें।
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