सलाहकार लेखकिसान कल्याण तथा कृषि विभाग मध्यप्रदेश
केले की खेती में अनुशंसित खाद प्रबंधन!
केला की फसल में अनुशंसित खाद एवं उर्वरक 200 ग्राम नत्रजन + 60 ग्राम फास्फोरस + 300 ग्राम पोटाश प्रति पौधा। उर्वरक देने हेतु निम्न विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है। _x000D_
विकल्प:-अ 434 ग्राम युरिया, 375 ग्राम सुपर (एसएसपी) एवं 500 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (एमओपी)।_x000D_
विकल्प :- ब 190 ग्राम एनपीके (12:32:16), 390 ग्राम युरिया एवं 430 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (एमओपी)।_x000D_
विकल्प:- स 231 ग्राम एनपीके (10:26:26), 380 ग्राम युरिया एवं 370 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (एमओपी)।_x000D_
विकल्प:-द 130 ग्राम डीएपी, 380 ग्राम युरिया एवं 500 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (एमओपी)।_x000D_
उर्वरक देने की विधि - खेत के तैयारी के समय गोबर/कम्पोस्ट की मात्रा - 25 टन प्रति हेक्टर एवं पौध लगाते समय 15 कि.ग्रा. गोबर की खाद प्रति पौधा, कार्बोक्यूरान 25 ग्राम एवं स्फुर व पोटाश की आधारिय मात्रा देकर ही रोपाई करे। उर्वरक हमेशा पौधे से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर रिंग बनाकर नमी की उपस्थिति में व्यवहार कर मिट्टी में मिला दें।_x000D_
पौध लगाते समय सुपर फास्फेट 125 ग्राम + म्यूरेट आफ पोटाश 100 ग्राम। _x000D_
30 दिन के पश्चात युरिया 60 ग्राम। _x000D_
75 दिन के पश्चात युरिया 60 ग्राम + सुपर फास्फेट 125 ग्राम + सुक्ष्म पोषक तत्व 25 ग्राम। _x000D_
125 दिन के पश्चात युरिया 60 ग्राम + सुपर फास्फेट 125 ग्राम। _x000D_
165 दिन के पश्चात युरिया 60 ग्राम + पोटाश 100 ग्राम। _x000D_
210 दिन के पश्चात युरिया 60 ग्राम + पोटाश 100 ग्राम। _x000D_
255 दिन के पश्चात युरिया 60 ग्राम + पोटाश 100 ग्राम। _x000D_
300 दिन के पश्चात युरिया 60 ग्राम + पोटाश 100 ग्राम प्रति पौधा के हिसाब से दिया जाना चाहिए। _x000D_
स्रोत:- किसान कल्याण तथा कृषि विभाग मध्यप्रदेश
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