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कृषि यंत्रों पर 80% तक की सब्सिडी!
कृषि वार्ताkrishi jagran
कृषि यंत्रों पर 80% तक की सब्सिडी!
👉🏻कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने समय-समय पर विभिन्न योजनाएं, पहल और अन्य किसान सशक्तिकरण नीतियां शुरू की हैं. इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मशीन और यंत्रों का अहम योगदान रहता है. इसी के चलते किसानों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर लॉन्च किया गया है, जिससे किसानों को ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों का विवरण मिलता है। 👉🏻इस योजना के तहत कृषि मशीनरी को व्यक्तिगत किसानों या स्वयं सहायता समूहों को रियायती दरों पर जारी किए जाते हैं. इसके अलावा, Custom Hiring Center की स्थापना के लिए उम्मीदवारों को 40% और 80% सब्सिडी (40% and 80% subsidy) प्रदान की जाती है. कश्मीर के अन्य हिस्सों की तरह, कृषि विभाग ने भी इसे बडगाम जिले में बड़े पैमाने पर अपनाया है जिससे छोटे, मध्यम और बड़े आकार के खेतों को फायदा हुआ है। 👉🏻सीएचसी के लाभ - ▪️छोटे और सीमांत किसानों को महंगी कृषि मशीनरी तक पहुंच प्रदान करता है। ▪️कृषि कार्यों में समयबद्धता और इनपुट के कुशल उपयोग की सुविधा प्रदान करता है। ▪️उचित किराए पर उचित मशीनों की उपलब्धता के कारण किसानों द्वारा जलवायु प्रथाओं और प्रौद्योगिकियों को अपनाने को बढ़ावा देता है। ▪️कठिन परिश्रम को कम करता है। ▪️जहां भी संभव हो फसल सघनता में वृद्धि को बढ़ावा देता है। ▪️फसल अवशेषों के पुनर्चक्रण की सुविधा देता है और अवशेषों को जलाने से रोकता है। ▪️खेती की लागत को कम करता है। ▪️कुशल श्रम और छोटे कारीगरों को काम के अवसर प्रदान करता है। 👉🏻किसानों की आय को बढ़ाने में करता है मदद - CHC ने ना केवल विभिन्न फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में किसानों की मदद की है, बल्कि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार किया है. बडगाम में 50 से अधिक व्यक्ति हैं जिन्होंने सीएचसी की स्थापना की है. बता दें कि इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है। 👉🏻सरकार ने कई योजनाएं और नीतियां पेश की हैं जो भारतीय कृषि के अधिक मशीनीकरण का समर्थन करती हैं और सीएचसी एक ऐसी पहल है, जो कृषि क्षेत्र को बदलने और 2022-23 तक किसानों की आय को दोगुना करने की प्रतिबद्धता है। 👉🏻कम लागत और ज्यादा कमाई - कृषि मशीनीकरण ने उत्पादन की न्यूनतम लागत के साथ समग्र उत्पादकता और उत्पादन में वृद्धि का आश्वासन दिया है. उच्च उपज देने वाले बीज के किस्मों, उर्वरकों, कीटनाशकों और यांत्रिक ऊर्जा के सिंचाई, जैविक और रासायनिक आदानों के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने में कृषि मशीनीकरण के योगदान को अच्छी तरह से मान्यता दी गई है। कृषि यंत्रीकरण और फसल उत्पादकता का सीधा संबंध है क्योंकि कृषि यंत्रीकरण से समय और श्रम की बचत होती है. खास बात यह है कि कठिन परिश्रम को कम करता है, लंबे समय में उत्पादन लागत में कटौती करता है, फसल के बाद के नुकसान को कम करता है और फसल उत्पादन और कृषि आय को बढ़ाता है। स्रोत:- Krishi jagran, 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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