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कुसुम योजना: बंजर जमीन भी अब उगलेगी पैसा, सौर ऊर्जा प्लांट से होंगे मालामाल!
योजना और सब्सिडीअमर उजाला
कुसुम योजना: बंजर जमीन भी अब उगलेगी पैसा, सौर ऊर्जा प्लांट से होंगे मालामाल!
👉🏻प्रदेश में किसान अब बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाकर मालामाल हो सकेंगे। यह केंद्र सरकार की कुसुम योजना से संभव होगा। योजना के तहत प्रदेश के  चार विद्युत वितरण निगमों में इसके लिए 24 उपकेंद्रों का चयन भी हो गया है। 👉🏻केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। योगी सरकार भी इस मुहिम में जुटी है। राज्य विद्युत नियामक आयोग के अनुमोदन के बाद 106 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजनाओं की स्थापना के लिए टेंडर भी हो चुकी है।   👉🏻योजना के तहत किसान 0.5 से लेकर दो मेगावाट तक सौर पावर परियोजनाओं की स्थापना कर सकेंगे। पर इसका लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनकी भूमि विद्युत उपकेंद्र के पांच किमी के दायरे में होगी। किसान खुद अपनी जमीन अथवा विकासकर्ता को लीज पर देकर सौर पावर प्लांट लगा सकते हैं। पर प्लांट के लिए जमीन बंजर या अनुपयोगी हो। 👉🏻पावर कॉर्पोरेशन इस्तेमाल के बाद बची बिजली किसानों से 3.70 रुपये प्रति यूनिट के दर से खरीदेगी। इसके लिए 25 साल का अनुबंध किया जाएगा। ऊर्जा विभाग का यह भी प्रस्ताव है कि अगर किसान किसी विकासकर्ता को जमीन देता है तो विकासकर्ता को मिलने वाले प्रति यूनिट टैरिफ  में से किसान को 5 से 10 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। कुसुम योजना-ए में पश्चिमांचल के चार जिले शामिल:- 👉🏻पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में कुसुम योजना ए के तहत सहारनपुर के  उपकेंद्रों फतेहपुर और अम्हेटा पीर का चयन हुआ है। यहां पर दो मेगावाट की 30 सौर परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। इसी तरह मुरादाबाद के अफजलगढ़, हजरत नगर गढ़ी और भीकनपुर उप केंद्र का चयन हुआ है। अफजलगढ़ में दो मेगावाट की 10, हजरतनगर गढ़ी में दो मेगावट की 10 और भीकनपुर में एक मेगावाट की 10 व दो मेगावाट की पांच परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। पूर्वांचल के दो और मध्यांचल व दक्षिणांचल के 3-3 जिले:- 👉🏻पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत वाराणसी जिले के चकिया उपकेंद्र में दो मेगावाट की पांच व नवादा उप केंद्र में एक मेगावाट की 10 और गोरखपुर के गजाई कोल उपकेंद्र में दो मेगावाट की पांच परियोजनाएं स्थापित होंगी। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के तीन जिलों का चयन हुआ है। इसमें हरदोई जिले के सरवा उप केंद्र में एक मेगावाट की पांच, बदायूं के  इस्लामनगर में दो मेगावाट की पांच और बाराबंकी जिले के कोटवा धाम में दो मेगावाट की पांच परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। दक्षिणांचल के तीन जिलों में लगेंगी 81 परियोजनाएं:- 👉🏻दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में आगरा के फतेहाबाद में दो मेगावाट की 10 और कागरौल में दो मेगावाट की 8 परियोजनाएं स्थापित होंगी। महोबा के महोबाकंठ उप केंद्र में दो मेगावाट की 5 और बांदा के बगेरू उपकेंद्र में एक मेगावाट की 8 व दो मेगावाट की पांच परियोजनाएं लगाई जाएंगी। इसी तरह पैलानी उप केंद्र में एक मेगावाट की पांच परियोजनाएं लगेंगी। 👉🏻झांसी जिले के गुरुसराय उप केंद्र में दो मेगावाट की 10 और बामौर उपकेंद्र में दो मेगावाट की पांच और एक मेगावाट की पांच परियोजनाएं स्थापित होंगी। उरई के नियामदपुर उप केंद्र में एक मेगावाट की पांच व दो मेगावाट की पांच परियोजनाएं और नवीगांव उप केंद्र में एक मेगावाट की 10 परियोजनाएं स्थापित होंगी। स्रोत:- Amar Ujala, 👉🏻प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। यदि दी गई जानकारी आपको उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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