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किसे दी जा रही सबसे पहले पर्ची !
✅ खेती से अधिक से अधिक लाभ हो सके इसके लिए सरकार द्वारा किसान हित में कई काम किए जा रहे हैं। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार छोटे गन्ना किसानों को विशेष प्राथमिकता प्रदान कर रही है। उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास विभाग द्वारा पेराई स्तर 2023-24 से प्रदेश के लगभग 10.74 लाख पंजीकृत छोटे गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति में परिवर्तन किया गया है।
✅ गन्ना विकास विभाग द्वारा पेराई सत्र 2023-24 में छोटे किसानों को प्राथमिकता देते हुए 60 क्विंटल की जगह 72 क्विंटल के सट्टा धारकों को छोटे कृषक का दर्जा दिया है। इससे छोटे गन्ना किसानों को पहले गन्ना आपूर्ति का मौक़ा मिलेगा।
✅ 46 लाख किसानों को जारी की गई गन्ना बेचने के लिए पर्ची वर्तमान पेराई सत्र के अन्तर्गत अब तक उत्तर प्रदेश में पंजीकृत 46 लाख गन्ना किसानों को 2.75 करोड़ गन्ना पर्चियाँ जारी की गई हैं, जिनमें 10.74 लाख छोटे गन्ना किसानों को मिलने वाली 19.20 लाख एस.एम.एस गन्ना पर्चियां शामिल हैं। स्मार्ट गन्ना किसान व्यवस्था के माध्यम से किसानों के गन्ने की आपूर्ति चीनी मीलों को सही समय पर हो रही है। सहकारी गन्ना समितियों के पर्ची निर्गमन एवं अन्य कार्यों में शुचित तथा पारदर्शित लाये जाने हेतु डिजिटलीकरण के अन्तर्गत विकसित की गई स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट गन्ना किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।
✅ 45 जिलों में होता है गन्ने का उत्पादन:-
किसानों से संबंधित तथ्यात्मक आंकड़ों पर यदि हम नजर डालें तो प्रदेश में 45 गन्ना उत्पादक जिले हैं, जिनमें सीतापुर, कुशीनगर एवं लखीमपुर जिलों मे सर्वाधिक तथा कासगंज, बंदायु एवं देवरिया में सबसे कम आपूर्तिकर्ता छोटे गन्ना किसान है। वर्तमान सट्टा नीति के अनुसार छोटे गन्ना किसानों को चीनी मिल चलने के 45 दिन के भीतर पेड़ी गन्ना और 01 फरवरी से 45 दिन के भीतर पौधा गन्ना के लिए पर्ची देने का प्रावधान भी किया गया है।
✅ किसानों को परेशानी ना हो इसके लिए दिए गए निर्देश
शासन द्वारा दिए गए दिशा–निर्देशों के क्रम में स्मार्ट गन्ना किसान (एस.जी.के.) प्रोजेक्ट के अन्तर्गत किसानों को, मिलने वाली सुविधाओं एवं विभागीय काम-काज का अनुश्रवण करते हुए आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में समस्त परिक्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों एवं जिला गन्ना अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि प्रदेश के किसानों को मिलने वाली एस.एम.एस. पर्ची एवं गन्ना आपूर्ति में कोई कठिनाई न आने पाये।
✅ स्त्रोत:- AgroStar
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