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किसान उत्पादक संगठनों को मिलेगा 2 करोड़ रुपये तक का लोन!
कृषि वार्ताTV 9 Hindi
किसान उत्पादक संगठनों को मिलेगा 2 करोड़ रुपये तक का लोन!
👉🏻केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि खेती-किसानी को मुनाफे में लाने पर केंद्र सरकार का पूरा जोर है. इसके लिए कई नई योजनाएं तैयार की गई हैं. जिनका लाभ देश के आम किसानों (Farmers) को मिल रहा है. हमारे गांवों और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाकर हिंदुस्तान की बुनियाद ज्यादा मजबूत हो सकती है. तोमर राष्‍ट्रीय कृषि कार्यबल ‘द इंस्‍टीट्यूट ऑफ कॉस्‍ट एकाउंट्स ऑफ इंडिया द्वारा ‘कृषि लागत प्रबंधन’पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. 👉🏻मंत्री ने कहा कि बीज से लेकर नई टेक्नालाजी तक, सारे साधन किसानों को उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. कम रकबे में अच्छी फसलें, प्रोसेसिंग व भंडारण सुविधाएं, किसान उत्पादक संगठन और फार्मिंग कैपेसिटी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 6865 करोड़ रुपए खर्च करके 10 हजार एफपीओ बनाए जा रहे हैं. इन्हें 2 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जा रहा है. इसकी ब्याज में भी छूट प्रदान की जा रही है. चार हजार करोड़ का लोन वितरित 👉🏻कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड सरकार ने निर्धारित किया है. लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का लोन वितरित हो चुका है. इनका फायदा निश्चित रूप से निचले स्तर तक मिलेगा. वेयर हाऊस का उपयोग सीधे किसानों के लिए हो सके, इसके लिए खेतों के पास निर्माण की नीति सरकार ने बनाई है, जिस पर काम शुरू हो चुका है. ताकि वे उचित समय पर अच्छे भाव पर उपज बेच सकें. 👉🏻तोमर ने कहा कि कृषि व गांव, दोनों की अर्थव्यवस्थाएं देश की रीढ़ हैं. यदि ये सुरक्षित हैं तो किसी भी परिस्थिति में पार पाना आसान हो जाता है. कोविड-19 के दौर में हमारे देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई. पूर्व में भी ऐसी स्थितियां झेली है. दुनिया मंदी के दौर से गुजरी है. ऐसे में भी हमारे गांवों की अर्थव्यवस्था ने अपने आप को मजबूती से खड़े रखा है. कोविड के बावजूद किसानों ने अपनी मेहनत से अधिक उपज पैदा की और सरकार ने अधिक खरीद की. कोरोना के दूसरे दौर में भी हमारे देश में अच्छे से खेती हो रही है. उत्पादन व खरीद भी प्रभावित नहीं हुई. इस तरह बढ़ेगी किसानों की ताकत 👉🏻कृषि मंत्री ने कहा कि भारत आज कई कृषि उपज के मामले में विश्व में नंबर एक या दो पर है. पहले कृषि का उत्पादन बढ़ाना समय की मांग थी. सरकार की कृषि हितैषी नीतियों व किसानों के परिश्रम ने आज खाद्यान्न की समस्या को समाप्त कर दिया, अब हमारा ध्यान उत्पादकता बढ़ाने पर है. 👉🏻इस सिलसिले में एग्रीकल्चर रिफार्म्स भी किए गए हैं. मंडियों के बाहर उपज बेचने पर कोई टैक्स नहीं है. किसान अपने घर-खेत से उपज कहीं भी बेच सकता है. कांट्रेक्ट फार्मिंग के लिए भी प्रावधान किया गया है. फसल बीमा योजना भी है. छोटे किसानों के लिए ये नई व्यवस्थाएं बहुत फायदेमंद साबित होंगी, उनकी ताकत बढ़ेगी. 👉🏻 खेती तथा खेती सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए कृषि ज्ञान को फॉलो करें। फॉलो करने के लिए अभी ulink://android.agrostar.in/publicProfile?userId=558020 क्लिक करें। स्रोत:- TV 9 Hindi, 👉🏻 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। यदि दी गई जानकारी आपको उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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