कृषि वार्ताAgrostar
किसानों के लिए साबित होगा वरदान!
🌱किसानों द्वारा वैज्ञानिक तकनीक को न अपनाना. यदि किसान प्रो ट्रे तकनीक और पॉलीटनल तकनीक के माध्यम से सब्जियों की पौध तैयार करें तो इससे उन्हें कम नुकसान होगा.इसके अलावा, किसानों को बीज की बुवाई और रोगों की रोकथाम आदि पर ध्यान देने की जरुरत है. जिससे सब्जियों की फसल को नुकसान से बचाया जा सके.
✅पॉलीटनल तकनीक
पॉलीटनल तकनीक के माध्यम से टमाटर, फूलगोभी, मिर्च, बंदगोभी, बैंगन और शिमला मिर्च की खेती की जा सकती है. इसमें पहले बीज की बुवाई की जाती है. बीज की बुवाई के बाद पॉलीटनल को शाम के समय पॉलीथीन से ढक दें. पॉलीटनल को 200 माइक्रॉन की सफेद पॉलीथीन से ढक दिया जाता है. यह रात के समय ढका रहता है. आपको बता दें कि यदि दिन का तापमान 25 से 26 डिग्री अधिक है तो दिन के समय पॉलीथीन हटा दें और शाम को ढक दें.
✅प्रो ट्रे तकनीक
यह तकनीक किसानों के लिए लाभकारी और फायदेमंद है. प्रो ट्रे तकनीक से सब्जियों की पौधशाला को किसी भी मौसम में तैयार किया जा सकता है. सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के लिए यह तकनीक बेहतर विकल्प है.
🌱यदि सब्जियों की खेती प्रो ट्रे तकनीक से की जाए तो पौध की गुणवत्ता और उसमें कीटों व रोगों से नुकसान को कम किया जा सकता है. इससे सब्जियों के उत्पादन के साथ उसकी गुणवत्ता दोनों की बढ़ेगी. इसके साथ ही कमर्शियल सब्जी उत्पादन के लिए हाइब्रिड किस्मों का भी उपयोग किया जा सकता है. आपको बता दें कि हाइब्रिड किस्मों की मांग बाजारों बहुत होती है जिससे हाइब्रिड बीज बाजार में मंहगे मिलते हैं. यदि बीज की पौध ऐसी तकनीक से तैयार की जाए तो भंडारण के साथ-साथ गुणवत्ता वाले पौधे तैयार किए जा सकते हैं और पौध विभिन्न रोगों से मुक्त रहेंगे.
🌱स्त्रोत:-AgroStar
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