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किसानों के लिए बड़े काम की है सरकार की ये 5 पहल!
👉🏻किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार कई स्तर से प्रयास कर रही है. किसानों को जानकारी मुहैया कराने, सरकारी मदद पहुंचाने, खेतों की उपज बढ़ाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम और योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के जरिये किसानों को कई तरीके से मदद मिल रही है. डीबीटी, किसान सम्मान निधि और जनधन जैसी तमाम योजनाओं के कारण किसानों के खाते में सरकारी आर्थिक मदद अब सीधे पहुंच रही है!
👉🏻दिल्ली में बैठी सरकार यहीं से सीधे किसानों के खातों में योजना राशि भेज रही है. नीम कोटेड यूरिया के रूप में किसानों तक सीधे उर्वरकों की पहुंच है, इसमें बिचौलियों की कोई दरकार नहीं रह गई है. सॉइल हेल्थ कार्ड के जरिये मिट्टी की गुणवत्ता जांच की व्यवस्था बनी और किसानों के खेतों की उत्पादकता बढ़ाने की पहल की गई. फसल बीमा योजना के जरिये किसानों को एक तरह से सुरक्षा कवच भी प्रदान किया गया. केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से किसानों की स्थिति में सुधार हो रहे हैं. आइए जानते हैं केंद्र सरकार की ऐसी 5 पहलों के बारे में:-
1) किसान सम्मान निधि योजना-
👉🏻प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना है. इस योजना के अन्तर्गत छोटे और सीमान्त किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि हो. इस योजना के तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष 6 हजार रूपया मिल रहा है. 1 दिसम्बर 2018 से लागू यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. इस योजना के तहत 6,000 रुपए प्रति वर्ष प्रत्येक पात्र किसान को तीन किश्तों में भुगतान किया जाता है और सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है!
2) डीबीटी पोर्टल योजना-
👉🏻डीबीटी पोर्टल योजना और डीबीटी कृषि यंत्र योजना भारत सरकार द्वारा किसानो के लिए शुरू की गई योजना है, जिसमे देश के किसान कृषि मशीनरी का लाभ प्राप्त कर सकते है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानो को आर्थिक स्थिति को और मजबूत बनाने के लिए कृषि यंत्र खरीदने में सहायता प्रदान करेगी और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देगी. इस सुविधा से किसानों के अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किये जाते है. इसके माध्यम को किसानों की सब्सिडी किसी बिचौलिये के पास न जाकर डायरेक्ट उनके अकाउंट में ट्रांसफर होती है. इस योजना के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार देखने को मिला है!
3) किसानों को विकल्प उपलब्ध करा रहा है ई-नाम पोर्टल-
👉🏻राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक पैन-इंडिया इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है, जो कृषि से संबंधित उपजो के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने के लिए मौजूदा एपीएमसी मंडी का एक प्रसार है. इस पोर्टल के माध्यम से देश के किसान अपनी फसलों को कही से भी ऑनलाइन अपनी फसल भेज सकते है और ऑनलाइन बेचीं गईं फसलों का भुगतान अपने बैंक अकाउंट में प्राप्त कर सकते है!
4) नीम लेपित यूरिया-
👉🏻नीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता है, जिसके कारण फसलों की आवश्यकता के अनुरूप नाइट्रोजन पोशक तत्व की उपलब्धता होती है और फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है. केंद्र सरकार खाद को भी ग्रामीण स्तर पर पहुंचाने का कार्य कर रही है. भारत सरकार ने उर्वरक कंपनियों को 100 प्रतिशत नीम लेपित यूरिया का उत्पादन करने की अनुमति 7 जनवरी 2015 को प्रदान की थी. इससे पहले उर्वरक संयंत्र की कुल क्षमता के 35 प्रतिशत तक नीम लेप वाले यूरिया का उत्पादन करने की अनुमति थी!
5) मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना-
👉🏻उर्वरकों के उपयोग से मृदा में उपस्थित पोषक तत्त्वों में होने वाली कमी दूर करने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरूआत की गई थी. इस योजना की थीम है: स्वस्थ धरा, खेत हरा. इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण युवा और किसान जिनकी आयु 40 वर्ष तक है, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना एवं नमूना परीक्षण कर सकते हैं. सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण के पहले चरण (वर्ष 2015 से 2017) में 10.74 करोड़ कार्ड और दूसरे चरण (वर्ष 2017-2019) में 11.69 करोड़ कार्ड वितरित किये गए हैं!
स्त्रोत:- tv9
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