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किसानों के लिए खुशखबरी ,वैज्ञानिकों ने तैयार की प्याज की नयी प्रजाति !
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किसानों के लिए खुशखबरी ,वैज्ञानिकों ने तैयार की प्याज की नयी प्रजाति !
👉नमस्कार किसान भाइयों खुशखबरी ,वैज्ञानिकों ने तैयार की प्याज की नयी प्रजाति किसानों की इनकम बढ़ाने में मददगार होगी प्याज की नई किस्म , अंकुरण होगा कम और पैदावार ज्यादा . देश भर के किसानों तक नया बीज पहुंचाने के लिए निजी बीज कंपनी ने यूनिवर्सिटी के साथ किया करार . 👉हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने एचओएस -3 नाम की एक प्याज की एक खास किस्म विकसित की है . जो न सिर्फ पैदावार में बहुत अच्छी है बल्कि इसमें अंकुरण भी कम होगा . यानी यह जल्दी खराब नहीं होगी . इसकी खासि २ देखते हुए दक्षिण भारत की एक निजी बीज कंपना ने यूनिवर्सिटी के साथ करार किया है ताकि इसे देश के दूसरे राज्यों के किसानों तक भी पहुंचाया जा सके . इस किस्म के प्याज की औसत पैदावार 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है . इस किस्म के प्याज हल्के और कांस्य रंग के गोलाकार होते हैं . 👉क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है . इस किस्म के प्याज हल्के और कांस्य रंग के गोलाकार होते हैं . इसमें स्टोरेज दौरान सिर्फ 3.7 फीसदी उत्स्फूटन ( बोल्टिंग ) और 7.2 फीसदी अंकुरण ( स्प्राउटिंग ) होती है . यही बात इसे किसानों के लिए फायदेमंद बनाती है .कंपनी और यूनिवर्सिटी में समझौते के बाद अब इस किस्म के प्याज का बीज दूसरे प्रदेशों तक भी पहुंचेगा . एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद अब उपरोक्त बीज कंपनी विश्वविद्यालय को लाइसेंस फीस देगी , जिसके तहत उसे बीज के उत्पादन और मार्केटिंग का अधिकार मिलेगा . किसान अगले साल से प्याज की किस्म एचओएस -3 के बीज प्राप्त कर सकेंगे . फसल की किस्म पर निर्भर करती है कमाई 👉फसल की किस्म पर निर्भर करती है कमाई किसी भी किसान की कमाई बहुत हद तक उसकी खेती की तकनीक और फसल की किस्म पर निर्भर करती है . इसीि कृषि वैज्ञानिक किसानों को इस बात की सलाह रहे हैं कि उन्नत किस्मों का चयन करें और सही जगह से खरीद करें , ताकि नकली न निकले . जहां तक प्याज की बात है तो इसमें पूसा रेड , किस्म काफी प्रचलित है , जिसमें 200 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार होती है . इसी तरह .हिसार -2 में 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार . 👉किन सूबों में होती है प्याज की खेती प्याज की एचओएस -3 किस्म हरियाणा में तैयार की गई है , लेकिन प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक महाराष्ट्रहै . हरियाणा में देश का महज 2 से 2.5 फीसदी ही प्याज पैदा होता है , २ जबकि महाराष्ट्र में 40 फीसदी . प्याज उत्पादन में दूसरा नंबर मध्य प्रदेश का है जहां पर देश का 15 फीसदी प्याज पैदा हो रहा है . कर्नाटक 9 , राजस्थान 6 और गुजरात देश का सिर्फ 5 फीसदी प्याज पैदा करता है . हालांकि , इस समय महाराष्ट्र के किसान प्याज के कम दाम के संकट से Google के दिखाए जा रहे विज्ञापन, 👉उन्नत बीज पहुंचाने के लिए 9 समझौते २ कुलपति प्रो . बीआर कांबोज ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया शोध किसानों तक नहीं पहुंचेगा तब तक उसका कोई लाभ नहीं है . इसलिए ऐसे समझौतों के जरिए विश्वविद्यालय का प्रयास है कि यहां से विकसित उन्नत किस्मों और तकनीकों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया जा सके . उन्होंने कहा पिछले एक साल में विभिन्न फसल किस्मों के लिए विभिन्न निजी भागीदारों के साथ कुल नौ समझौते किए जा चुके हैं . स्रोत:-Agrostar 👉किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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