कृषि वार्ताAgrostar
किसानों का बंपर होगा उत्पादन!
👉रबी की फसल उत्तर भारत में अक्टूबर और नवंबर माह के दौरान बोई जाती है जो कम तापमान में बोई जाती है, फसल की कटाई फरवरी और मार्च महीने मैं की जाती है। रबी के मौसम में बुवाई की सर्वोत्तम विधि कतार है. इसमें किसान को सीड-ड्रिल या जीरो टिलेज मशीन का उपयोग करना चाहिए, जिससे कि हम बीज की उचित मात्रा डाल सकें।
👉रबी सीजन में बोई जाने वाली फसल और समय :-
जौ:- सिंचित क्षेत्र होने की दशा में जौ की बुवाई 15 नवंबर तक पूरी कर लें.
चना:-बुवाई के 30-35 दिन के बाद निराई-गुड़ाई कर लें.
मटर:-मटर की बुआई अक्टूबर-नवंबर में कर लेनी चाहिए और 40 45 दिन बाद पहली सिंचाई करें. फिर 6-7 दिन बाद ओट आने पर हल्की गुड़ाई भी कर दें.
मसूर:-बुवाई के लिए 15 नवंबर तक समय का समय अच्छा है.
शीतकालीन मक्का:- सिंचाई की सुनिश्चित व्यवस्था होने पर रबी मक्का की बुवाई नवंबर माह के मध्य तक पूरी कर लें.
शरदकालीन गन्ना:- इसके लिए गन्ने की बुवाई 15 से 20 अक्टूबर तक अवश्य कर देनी चाहिए,बुवाई के 3-4 सप्ताह बाद निराई-गुड़ाई कर लें.
👉रबी मौसम में सब्जियों की खेती:-
• आलू की बुवाई यदि अक्टूबर में नहीं हो पाई हो तो नवंबर माह तक जरूर पूरा कर लें.
• टमाटर की बसंत/ग्रीष्म ऋतु की फसल के लिए पौधशाला में बीज की बुवाई कर दें.
• प्याज की रबी फसल के लिए पौधशाला में बीज की बुवाई करें.
👉स्त्रोत:-Agrostar
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