सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
करेले की फसल में पोषक तत्व प्रबन्धन!
👉🏻किसान भाइयों करेला हमारी बेल वाली सब्जियों में से एक है। जिसकी खेती से हमे अच्छी आय प्राप्त होती है जिससे किसान भाइयों को अच्छा लाभ प्राप्त होता है। करेले की फसल की बढ़वार व अच्छे विकास में पोषक तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसकी कमी के कारण पौधों में हरापन कम हो जाता है। पौधे का पूरी तरह से विकास नहीं होता है तथा पौधा छोटा रह जाता है तथा फूल फल भी कम लगते हैं। फलस्वरूप उत्पादन में गिरावट आ जाती है। इसके निवारण के लिए संतुलित मात्रा में मृदा परीक्षण के अनुसार खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करें। पौधों में सूक्ष्म एवं गौण पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु फसल की वानस्पतिक विकास की अवस्था में पानी में घुलनशील उरवर्क N:P:K 19:19:19 @ 1 किग्रा० + सूक्ष्म पोषक तत्व @ 250 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करें। यदि ड्रिप सिंचाई पद्धति उपलब्ध है तो पानी में घुलनशील उरवर्क N:P:K 19:19:19 @ 3 किग्रा० + सूक्ष्म पोषक तत्व @ 250 ग्राम प्रति एकड़ ड्रिप के माध्यम से दें। इस प्रक्रिया को पौधे की आवशयकता के अनुसार 15 दिनों के अंतराल पर दोहराया जा सकता है।
स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस,
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