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कम समय में ज्यादा मुनाफा रेशम कीट पालन से, बस इन बातों का रखना है ध्यान !
• रेशम कीट पालन को सेरीकल्चर कहते हैं. साड़ियों को बनाने के लिए रेशम का इस्तेमाल होता है, जिसकी पूर्ति रेशम कीट पालन करने वाले किसान करते हैं. इससे उन्हें अच्छी आमदनी होती है. रेशम कीट पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सरकार से भरपूर सहयोग भी मिल रहा है. सबसे अच्छी बात है कि अन्य कृषि और घरेलू कार्यों के साथ ही रेशम कीट पालन का काम किया जा सकता है.
देश में दो तरह का रेशम उत्पादन होता है :
• अपने देश में दो तरह का रेशम उत्पादित किया जाता है. पहला होता है शहतूती रेशम या मलबरी सिक्ल और दूसरे को गैर शहतूती रेशम या नॉन मलबरी सिल्क कहा जाता है.
फायदे :
• रेशम कीट पालन में रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं.
• रेशम कीट पालन से किसान कम समय में अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं.
• रेशम कीट पालन का काम घरेलू महिलाएं भी कर सकती हैं.
• अगर उचित प्रशिक्षण के साथ किसान रेशम कीट पालन करें तो काफी मुनाफा कमा सकते हैं.
स्रोत:- TV 9 Hindi,
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