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कब बना दुनिया का पहला ट्रैक्टर और भारत में कब आया?
👉🏻किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने ऐलान किया है कि वह 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालेंगे. जाहिर सी बात है, चारो तरफ ट्रैक्टर-ट्रैक्टर हो रहा है. इसलिए हमने सोचा क्यों न आज आपको दुनिया के पहले ट्रैक्टर और भारत के पहले ट्रैक्टर के बारे में बताएं. हालांकि, आजकल ट्रैक्टर का इस्तेमाल आधुनिक कृषि में प्रमुख उपकरण के तौर पर किया जाता है. जिसकी मदद से कठिन काम भी काफी आसानी से किया जा सकता है. इसके अलावा ट्रैक्टर कृषि उपकरण खींचने का काम भी करता है. जिसमें सामान लदी ट्राली आदि शामिल है।
ट्रैक्टर का इस्तेमाल:-
पहले समय में जानवरों की सहायत से कृषि क्षेत्र के काम किए जाते थे. जिसमें काफी महनत और समय लगता था. लेकिन आज के समय में ट्रैक्टर ने ये काम आसान कर दिया है. जिसकी मदद से समय भी बचता है और कम भी जल्दी हो जाता है. ट्रैक्टर का इस्तेमाल कृषि जगत में जमीन को जोतकर तैयार करना, बीज डालना,पौध लगाना, फसल लगाना और फसल काटना आदि में किया जाता है. इसके अलावा भी लकड़ी चीरने आदि में ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जाता है।
ट्रैक्टर के प्रकार:-
सभी ट्रैक्टर की बनावट में तीन भाग होते है एक इंजन और उसके साधन, पावर ट्रांसमिटिंग सिस्टम, चेजिस (chassis). ट्रैक्टर के दो प्रकार होते है. एक चक्र टैक्टर और दूसरा ट्रैक टैक्टर. चक्र टैक्टर का इस्तेमाल कृषि संबंधी कामों में किया जाता है. ये ट्रैक्टर तीन या चार पहिएवाला होता. ट्रैक टैक्टर भारी कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें बांध और औद्योगिक के काम शामिल है. कृषि क्षेत्र में इसका इस्तेमाल कम किया जाता है।
पहला ट्रैक्टर कब बना था:-
सबसे पहले शक्ति-चालित कृषि उपकरण 19वीं शताब्दी के आरम्भ में आए थे. जिनके पहिओं पर एक भाप का इंजन हुआ करता था. जो बेल्ट की सहायता से कृषि उपकरण को चलाता था. पहले भाप इंजन का आविष्कार 1812 में रिचर्ड ट्रेविथिक ने किया था. जिसे बार्न इंजन के तौर पर जाना जाता था. जिसका इस्तेमाल मकई निकालने के लिए किया जाता था. 1903 में दो अमरीकी चार्ल्स डब्ल्यू. हार्ट और चार्ल्स एच. पार्र ने दो-सिलेंडर वाले ईंधन से चलने वाले इंजन का उपयोग करते हुए सफलतापूर्वक पहला ट्रैक्टर बनाया था. जिसका इस्तेमाल भी काफी हुआ. जिसके बाद 1916-1922 के बीच लगभग 100 से अधिक कंपनियां कृषि ट्रैक्टर का उत्पादन कर रही थी।
जॉन डीयर:-
1837 में जॉन डीयर ने पहला स्टील हल बनाया. जहां उन्होंने 1927 तक पहले ट्रैक्टर और स्टील के हल संयोजन तैयार किए. जिसका इस्तेमाल उत्पादकता बढ़ाने और खेतों को तीन पंक्तियों में जोतने के लिए किया गया. 1930 ट्रैक्टरों में स्टील के पहिये होते थे. बाद में रबर के पहिये लगाये गए. और इसके बाद जॉन डीयर ट्रैक्टर के मॉडल ‘आर’ को पेश किया गया था. जिसकी शक्ति 40 हॉर्सपावर से भी अधिक थी. ये पहला डीजल ट्रैक्टर भी था. इसी के साथ जॉन डीयर किसानों को ट्रैक्टर की पेशकश करने वाले पहले निर्माता बन गए।
भारत में पहला ट्रैक्टर:-
👉🏻दुनियाभर में भारत को कृषि प्रधान देश के रूप में भी जाना जाता है. कहा जाता है कि भारत में ट्रैक्टर की शुरुआत स्वतंत्रता के बाद ‘हरित क्रांति’ से हुई थी. जहां ट्रैक्टर का इस्तेमाल काफी तेजी से हुआ था. भारत ने ट्रैक्टरों का निर्माण 1950 और 1960 के दशक में शूरू किया था।
स्रोत:- TV 9 Hindi,
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