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कपास में सुंडी से करे बचाव!
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कपास में सुंडी से करे बचाव!
कपास की फसल में सुंडी से बचाव के लिए, मानसून के पहले बुवाई न करे! ◾कपास की फसल में पिंक बॉलवर्म का प्रकोप पिछले कुछ वर्षों में बढ़ रहा है। इससे कपास की उपज और गुणवत्ता पर असर पड़ता है। ◾कपास की दोबारा चुनाई और उसके बाद मौसम से पहले कपास की बुवाई इस प्रकार फसल कृषि क्षेत्र में लगातार होने की वजह से इस कीट के लिए भोजन की उपलब्धता पूरे वर्ष बनी रहती है। उसी से उनकी पीढ़ियां बढ़ती रहती हैं। ◾इस कीट के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए पिछले फसल के अवशेषों को नष्ट कर दे। साथ ही सीजन से पहले कपास की खेती से बचें। सुंडी कीट के बचाव के लिए निचे दिए गए निम्नलिखित उपायों का प्रयोग करें :- 1-पहले आप बीज के बुवाई के लिए अगेती और माध्यम अवस्था की प्रजाति का चयन करें। साथ ही दोबारा चुनाई न करें। 2-नई बुवाई जून माह में 80 से 100 मी.मी बारिश होने के बाद ही बुवाई करनी चाहिए। 3-जिन स्थानों पर पिछले वर्ष सुंडी का सबसे अधिक प्रकोप पाया गए हैं, वहा पर फसल चक्र अपनाये। 4-बीज की बुवाई से पहले भूमि की गहरी जुताई करें। 5-पिछली फसल के कटाई के उपरांत बचे हुए अवशेषों को नष्ट कर दे। और फसल के आस पास साफ़ सफाई रखे ताकि कीटो का प्रकोप न हो। 6-बिजाई के समय प्रजाति के अनुसार उचित अंतराल का प्रयोग करे। 7-फसल के चारों तरफ कीट आकर्षित करने वाले पौधे उगाऐं जैसे गेंदा, अरंडी, मक्का लगाये और अपनी फसलों को हानिकारक कीटों से बचायें। स्त्रोत:- Agrostar 👉किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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